शेखर की रिपोर्ट
कोरोना को लेकर जहां एक तरफ सभी स्कूल बंद थी तो वही कोरोना की धीमी रफ्तार को देखते हुए सरकार ने स्कूल खोलने का फैसला लिया पिछले 2 महीनों से लगातार स्कूल संचालक अपने अपने स्कूल को सुचारू रूप से चला रहे हैं तो वही कई स्कूल ऐसे भी हैं जहां राज्य सरकार के गाइडलाइन को धज्जियां उड़ाते हुए दिखे जा रहे हैं आपको बताते जाएगी की कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को सुरक्षित करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार तरह-तरह के उपाय कर रही है तो वही स्कूल इस गाइडलाइन को ठेंगा दिखाते हुए छोटे क्लास से लेकर बड़े क्लास तक के स्कूल को चलाया जा रहा है राज्य सरकार की गाइड लाइन मैं साफ-साफ लिखा हुआ है कि कक्षा से 6 से लेकर 12 तक की ही बच्चों को स्कूल आना है सरकार के गाइडलाइन के मुताबिक कोरोना संक्रमण के ग्राफ को देखते हुए वहीं बोकारो के कुछ स्कूलों में एक ही कमरे में लगभग 35 बच्चे एक साथ बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं क्षमता से अधिक बच्चे होने पर एक बेंच पर दो के बजाय 3 बच्चे बैठ कर पढ़ाई कर रहे हैं और ना तो मांस का उपयोग किया जा रहा है तो वहीं कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जहां कक्षा नर्सरी से लेकर 5 तक के बच्चे को अपने स्कूल में बुलाकर संचालित किया जा रहा है जब हमने स्कूल में जाकर पता किया तो स्कूल के शिक्षक ने कहा कि पर अपने बच्चे को खुद भेज भेजते हैं इसमें हम क्या कर सकते हैं आपको बताते जाए कि झारखंड सरकार ने सिर्फ कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक के छात्र छात्राओं को अनुमति दी गई है ऐसे में छोटे बच्चे के साथ स्कूल प्रबंधक इतनी बड़ी लापरवाही कैसे कर सकते हैं वहीं कुछ लोगों ने कहा कि शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही है बच्चों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है वहीं कुछ लोगों ने यह कहा कि उपायुक्त को मामले से अवगत कराना चाहिए और इस पर तुरंत कार्रवाई लेते हुए स्कूल की मान्यता को रद्द कर देना चाहिए।