सन्नी यादव की रिपोर्ट
जांजगीर चांपा। शिवसेना ने मालखरौदा क्षेत्र के बडे रबेली में शासन द्वारा संचालित योजना संचालक मां बम्लेश्वरी स्व सहायता समूह की जांच कर उचित कार्यवाही के लिए कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन।
शिवसेना जिलाध्यक्ष ठा.ओंकार सिंह गहलौत ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर बताया है कि सरकार ने संसद द्वारा पारित, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 दिनांक 10 सितंबर 2013 को अधिसूचित किया है। जिसका उद्देश्य एक गरिमापूर्ण जीवन जीने के लिये लोगों को वहनीय मूल्यों पर अच्छी गुणवत्ता के खाद्यान्न की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराते हुए उन्हे मानव जीवन- चर्क दृष्टिकोण में खाद्य और पौषणिक सुरक्षा प्रदान करना है। इस अधिनियम में, लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टी पी डी एस) के अंतर्गत राजसहायता प्राप्त खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए 75% ग्रामीण आबादी और 50% शहरी आबादी के कवरेज का प्रावधान है। इस प्रकार लगभग दो-तिहाई आबादी कवर की जाएगी। पात्र ब्यक्ति राजसहायता प्राप्त मूल्यों पर खाद्यान्न प्रति ब्यक्ति प्रतिमाह प्राप्त करने का हकदार है। मौजूदा अंत्योदय अन्न योजना परिवार, जिनमें निर्धनतम ब्यक्ति शामिल है। 35 किलो ग्राम खाद्यान्न प्रति परिवार प्रति माह प्राप्त करते रहेंगे।
इस अधिनियम में महिलाओं और बच्चों के लिए पौषणिक सहायता पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं गर्भावस्था के दौरान तथा बच्चे के जन्म के 6 माह बाद भोजन के अलावा कम से कम 6 हजार रूपये का मातृत्व लाभ प्राप्त करने की भी हकदार है। 14 वर्ष तक की आयु के बच्चे भी निर्धारित पोषण मानकों के अनुसार भोजन प्राप्त करने के हकदार हैं। हकदारी के खाद्यान्नों अथवा भोजन की आपूर्ति नहीं किये जाने की स्थिति में लाभार्थी खाद्य सुरक्षा भत्ता प्राप्त करेंगे। इस अधिनियम में जिला व राज्य स्तरों पर शिकायत निपटान तंत्र के गठन का भी प्रावधान है। पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए भी इस अधिनियम में अलग से प्रावधान किये गए हैं।
परंतु जिले के मालखरौदा विकास खण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत बडे रबेली के मां बम्लेश्वरी स्व सहायता समूह द्वारा शासकीय उचित मूल्य की दुकान संचालन विगत कई वर्षों से निर्धारित दर से अधिक मूल्यों में खाद्यान्न का वितरण किया जा रहा है। जिससे शासन के महत्वपूर्ण योजना का दुरुपयोग हो रहा है।
हैरानी की बात यह है कि मालखरौदा क्षेत्र के बडे रबेली में मां बम्लेश्वरी स्व सहायता समूह के द्वारा ही शासन के अन्य योजना रेडी टू ईट फूड तथा स्कूल में मध्यान्ह भोजन का भी संचालन किया जा रहा है। संचालक द्वारा राशन कार्ड में खाद्यान्नों का निर्धारित मूल्य अंकित नहीं किया जा रहा है। संचालक के मनमानी से हितग्राही परेशान हैं, और अधिक मूल्यों पर खाद्यान्न लेने मजबूर हैं।
शासकीय उचित मूल्य की दुकानों पर संचालक द्वारा शक्कर व मिट्टी तेल को निर्धारित मूल्य से अधिक मूल्य लेकर हितग्राहियों को वितरण किया जा रहा है। हमें आशंका है कि संचालक द्वारा सभी योजनाओं में हेराफेरी किया जाता होगा। जो शासन के नियम विरुद्ध है।