रघु यादव मस्तूरी की रिपोर्ट
बिलासपुर के हिर्री थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मेड़पारा में 40 से अधिक गायों की मौत हो गई है। इस पूरे मामले में कलेक्टर सारांश मितर के निर्देश के बाद एफ आई आर दर्ज किया जा रहा है। बेजुबान मासूम गायों की मौत के लिए सीधे तौर पर सरपंच को जिम्मेदार बताया जा रहा है। हालाकी गौरक्षा मंच और राजनीतिक पार्टी के लोग इसे अलग ही नजरिए से देख रहे हैंl
बेजुबान गायों का यू तड़प-तड़प कर मौत के मुंह में जाना आपको विचलित कर सकता है घटना छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर के ग्राम मेडपार की है जहां पंचायत भवन में रखे गए 70 से अधिक गांवों में से तकरीबन 40 गायों की मौत हो चुकी है। जिला प्रशासन और सरकार के लिए शायद यह उतनी गंभीर बात नहीं होगी। वहीं घटना की सूचना मिलते ही गौ रक्षा दल के लोग और क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टी के लोग यहां पहुंच गये। उन्होंने पूरी घटना को अपने ही नजरिए से देखने का प्रयास किया है। इनकी मानें तो राज्य सरकार के गौठान और रोकाछेका जैसे योजनाओं की वजह से इन गायों की मौत हो रही है।
एक तरफ प्रदेश सरकार की नरवा, गुरवा, गरवा बारी योजना को देश भर में सरहाना मिल रही है। दूसरी ओर लगातार गौठानों और ऐसे जगहों पर हुई लापरवाहीयो से गायों की मौत होने के मामले सामने आ रहे हैं। जो तमाम दावों के पोल खोलते नजर आ रही है।अब देखना ये भी होगा की गौधन न्याय योजना कितना हद तक सार्थक होता हैl