हरिश साहू की रिपोर्ट
रायपुर । छत्तीसगढ़ भाजपा का अनुसूचित जाति मोर्चा अब इस वर्ग के स्टूडेंट्स के लिए एक अभियान शुरू करने जा रहा है। इसके तहत इस वर्ग के छात्रों को मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना के बारे में बताया जाएगा। यह योजना अनुसूचित जाति वर्ग के ऐसे स्टूडेंट्स के लिए है जो पैसों की तंगी की वजह से अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ चुके हैं। 10वीं, 12वीं और ग्रैजुएशन कर रहे विद्यार्थियों को इसका फायदा मिलेगा। रविवार को रायपुर के भाजपा कार्यालय में सांसद सुनील सोनी और अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रमुख नवीन मार्कंडे ने इस योजना को लेकर अपनी तैयारियों के संबंध में मीडिया को जानकारी दी।
करोड़ों स्टूडेंट्स के 5 सालों का प्लान तैयार
सांसद सुनील सोनी ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी की कैबिनेट ने इस योजना को देशभर में लागू किए जाने का फैसला लिया है। यह पूरे पांच सालों तक चलने वाली योजना है। इसके तहत छात्रवृत्ति का पैसा स्टूडेंट्स के खाते में केंद्र सरकार भेजेगी। इसी के साथ मोदी सरकार ने इस बात की शंका को भी दूर कर दिया है कि इस योजना का फायदा असल में स्टूडेंट्स तक पहुंचेगा या नहीं। केंद्र सरकार की इस योजना से बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी करेंगे और आत्मनिर्भर भारत बनाने में योगदान देंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का आभार यह कहते हुए व्यक्त किया कि शिक्षा की वजह से अनुसूचित जाति वर्ग का विकास भी होगा।
जिस वक्त एडमिशन उस वक्त मिल जाएंगे पैसे
अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रमुख नवीन मार्कंडे ने बताया कि अब तक यह देखने में आता था कि केंद्र से मिली उस वक्त बच्चों को नहीं मिलती थी जब एडमिशन होता था। कई बच्चे ऐसे हैं जो पैसों के अभाव में पढ़ाई छोड़ चुके हैं। उन्हें पढ़ाई से जोड़ना ही इस योजना का मकसद है। अब एडमिशन के दौरान बच्चों के खातों में पैसे जाएंगे। हम इसके लिए गांव-गांव जाकर अनुसूचित जाति वर्ग के बच्चों को इस योजना से जोड़ने पर काम शुरु कर रहे हैं।
केंद्र सरकार का फैसला
केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति के स्टूडेंट्स के लिए की शिक्षा के लिए अगले पांच वर्ष में 59,000 करोड़ रुपये की मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना को मंजूरी दी है । इसके तहत केंद्र सरकार 60 प्रतिशत और शेष 40 प्रतिशत धनराशि राज्य सरकारें उपलब्ध करायेंगे। जिसमें से केंद्र सरकार 35,534 करोड़ रुपये (60 प्रतिशत) खर्च करेगी। ऐसा अनुमान है कि 10वीं कक्षा से आगे पढ़ाई नहीं जारी रख सकने वाले 1.36 करोड़ गरीब छात्रों को अगले पांच वर्षो में उच्च शिक्षा प्रणाली के दायरे में लाया जा सकेगा ।