रघु यादव मस्तूरी की रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ : पारंपरिक भोजली त्यौहार की संरक्षण व त्यौहार की महत्ता को आने वाली पीढ़ी तक पहुचाने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित की जाती हैं। पिछले वर्षों से देखा जा रहा है की भोजली त्योहार गांवों की अपेक्षा शहरों में कम मनाया जा रहा है। इस प्रकार बिलासपुर को छोड़कर, अन्य शहरों में यह पारंपरिक त्योहार विलुप्त होने के कगार पर है। भोजली महोत्सव समिति बिलासपुर ने मुख्यमंत्री से विनम्र निवेदन किया है कि छत्तीसगढ़ के अन्य पारंपरिक त्योहारों जैसे भोजली त्यौहार को भी राज्य में विशेष स्थान देने की कृपा करें, जिससे आने वाली पीढ़ी अपनी संस्कृति से जुड़ सके।
भोजली महोत्सव समिति के अध्यक्ष- शंकर यादव, मुकेश केवट, सुनील भाई, कमल पटेल, महेन्द्र धुरू, धनेश रजक, अनिल यादव, देवा भाई, शुभम यादव, गोपाल यादव, मनोज यादव, परमानंद रजक, विनोद भाई, नंदकिशोर यादव, सुभाष चौधरी, गोपी चंद्रकार, सुखमय केवट, राम बाई सोनिक, अमरीका भोई, बनवासा यादव, संगीता यादव जग्गा भाई, कुंवारी भोई सहित अन्य सदस्यों ने भी भोजली त्योहार को विशेष स्थान देने के लिए सरकार से गुहार लगाया है।