हरिश साहू की रिपोर्ट
अंबिकापुर । कर्ज में डूबे कई किसानों द्वारा आत्महत्या की जा रही है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के एक किसान ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या कर ली।
दरअसल लोन पर लिए गए ट्रैक्टर की किश्त की राशि नहीं पटाने पर किसान तनाव में रहता था। 2 दिन पूर्व उसने जहर सेवन कर लिया था। उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में भर्ती कराया गया था लेकिन इलाज के दौरान उसने 14 दिसंबर की रात दम तोड़ दिया।
सरगुजा जिले के धौरपुर थाना अंतर्गत ग्राम बबौली निवासी दशन राम पिता बोखन राम 45 वर्ष किसानी करता था। 12 दिसंबर की रात उसने अचानक जहर का सेवन कर लिया था। यह बात घरवालों को पता चली तो उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया।
यहां 14 दिसंबर की रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस ने पीएम पश्चात मंगलवार को उसका शव परिजनों को सौंप दिया। अस्पताल सहायता केंद्र की पुलिस को दिए बयान में मृत किसान के पुत्र रामजनम ने बताया कि कर्ज की राशि पटा नहीं पाने के कारण पिता टेंशन में रहते थे। इसी कारण उन्होंने जहर सेवन किया था।
किसान के पुत्र ने बताया कि उसके पिता ने 2 साल पहले बैंक लोन पर ट्रैक्टर खरीदा था। हर 6 महीने में 63 हजार रुपए किश्त पटाना पड़ता था। 2 बार से किश्त की राशि नहीं पट पा रही थी।बैंक में किश्त की राशि 1 लाख 15 हजार बकाया थी, इसे लेकर पिता परेशान रहते थे।
बताते दे किसान कानून को लेकर एक ओर देशभर में किसान आंदोलन पर हैं। कानून को लेकर उनकी केंद्र सरकार से ठन गई है।
आर्थिक तंगी का खुलासा
मृतक के बेटे रामजन्म ने पुलिस को अपना बयान दिया है। उसने बताया कि 2 साल पहले उसके पिता ने महिंद्रा का एक ट्रैक्टर खरीदा था। खेती- किसानी के काम में आई दिक्कतों की वजह से परिवार की माली हालत बिगड़ी और ट्रैक्टर की किश्त नहीं पटा सका। हर महीने 8 हजार रुपए की किश्त बैंक में ना देने से कर्ज का बोझ बढ़ गया। इन्हीं बातों से परेशान होकर दशन अधिक शराब भी पीने लगा। जिंदगी खत्म करने की चाहत से उसने जहर पी लिया और जान देने की कोशिश की। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।