शेखर की रिपोर्ट
बोकारो :- झारखंड सशस्त्र पुलिस-4 के कमांडेंट अश्विनी कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में सभी जवानों को तंबाकू के दुष्प्रभाव वह मानसिक स्वास्थ्य पर प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें जिला परामर्शी द्वारा तंबाकू के दुष्प्रभाव व कोटपा अधिनियम 2003 की विभिन्न धाराओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। *जैप-4 समादेष्टा अश्विनी कुमार सिन्हा ने पुलिस जवानों को कहा कि तंबाकू का प्रयोग करने वालों में युवाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। यह चिंताजनक है। जीवन जीने के लिए है। साथ ही अपने जीवन में देश व अपनों की सेवा के लिए है। इसे कैंसर के हाथों में न सौपें। उन्होंने ने कहा कि तंबाकू सेवन के प्रति लोगों में बदलाव की जरूरत है। झारखंड में कुल आबादी का 38.9% लोग तंबाकू का प्रयोग करते हैं-जिला परामर्शी मोहम्मद असलम ने बताया कि झारखंड में कुल आबादी का 38.9% लोग तंबाकू का प्रयोग किसी न किसी रूप में करते हैं, जिसमें 59.7 पुरुष 17% महिलाएं व 13-15 साल के बच्चे 5.1% है। साथ ही बताया कि कोटपा अधिनियम 2003 की धारा-4 सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान पर प्रतिबंध, धारा-5 सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध, धारा-6/A 18 वर्ष से कम आयु के अवयस्कों को तंबाकू पदार्थ बेचने पर प्रतिबंध, धारा- 6/B शिक्षण संस्थान के 100 गज के दौरान परिधि में सिगरेट या अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध, धारा-7 बिना विशिष्ट चेतावनी के सिगरेट व अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध के बारे में विस्तृत जानकारी दिया* साथ ही उससे संबंधित दंडवत जुर्माना के बारे में भी बताया। टोल फ्री नंबर 180011 2356 के बारे में भी जानकारी दी गई-प्रशिक्षण के दौरान सभी को बताया गया कि जो भी तंबाकू का उपयोग करते हैं और छोड़ना चाहते हैं तो उन्हें तंबाकू नशा मुक्ति केंद्र से अवश्य संपर्क करना चाहिए जहां पर उपलब्ध है सुविधाओं के बारे में जैसे परामर्श सेवा कार्बन मोनोऑक्साइड के माध्यम से ब्लड के अंदर कार्बन मोनोऑक्साइड की स्थिति की जांच, स्पायरोमीटर के माध्यम से फेफड़े की स्थिति की जांच व एनआरटी दवाओं की सुविधा के बारे में बताया गया। साथ ही साथ तंबाकू की लत से अपने आप को आजाद करने के लिए सरकार द्वारा संचालित टोल फ्री नंबर 180011 2356 के बारे में भी जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में मनोचिकित्सक डॉ प्रशांत कुमार मिश्रा के द्वारा तनाव और तनाव से मुक्त हेतु अपनाए जाने वाली प्रक्रिया के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई।प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान मनोचिकित्सक डॉ प्रशांत कुमार मिश्रा, जिला परामर्शी मोहम्मद असलम व झारखंड सशस्त्र पुलिस 4 के जवान उपस्थित थे।