व्यापारी के आगे लाचार है सरकार
योगेंद्र कुमार कश्यप की रिपोर्ट
जांजगीर-चांपा जिला — जिसके दम पर है हरियाली आज वही बर्बाद खड़ा है देखो उसकी बदहाली बहुत बुरी हालात है देखो धरती के भगवान की टूटी माला जैसी बिखरी किस्मत आज किसान की ।आज की स्थिति में किसान की जो हालात है इतना बदतर बना दिया गया है शासन द्वारा की किसान को परिवार चलाना बहुत मुश्किल हो रहा है क्योंकि खरीफ फसल में जो धान का क्विंटल 2500 था आज उसी धान का क्विंटल 1000 रुपया हो गया है तो सोचने वाली बात है प्रत्येक समान का जैसे तेल पेट्रोल डीजल अन्य खाद्य सामग्री की कीमत जस्ट डबल हो गया है और उसी धान का कीमत जस्ट आधा कम हो गए हैं तो सोचने वाली बात है की किसान क्या करें आत्महत्या करें या फिर गरीबी में अपना जीवन यापन करें जिस तरह अभी रवि फसल में किसान का धान की फसल का कीमत ₹1000 ₹ मे बिक रहा है उसमें तो उनका लागत भी नहीं बन पा रहा है ऐसी स्थिति में सरकार की नीयत और नीति पर सवाल उठता है की व्यापारी का ही सरकार है अन्यथा कृषि प्रधान राज्य में इस तरह की हालत किसान का है । जब हमने कुछ गांव में किसानों के पास पहुंचे तो किसानों की कहानी सुनकर हम लोग के आंखों में आंसू आ गए किसानों ने बताया की 1 एकड़ में 12 से 15 हजार खर्चा हो गए उससे पहले कोरोना ने किसानों का हालात बिगाड़ा है उसके बाद बेमौसम बारिश के आ जाने से बर्फबारी ने किसान की हालत को खराब कर दिया था अब फसल कटने के बाद व्यापारियों ने किसान का हालत बद से बदतर बना दिया है 2500 की धान को हम लोग 1000 में बेचने को मजबूर हैं फिर भी सरकार का ध्यान हम किसानों पर नहीं आ रहे हैं हम लोग क्या करें हम लोग आत्महत्या करने पर मजबूर हैं इस तरह किसानों की हालत बद से बदतर होता जा रहा है और सरकार इस पर किसी भी प्रकार का ध्यान नहीं दे रहा है।