मनोज उनियाल की रिपोर्ट
अटल रोहतांग टनल के बहाने शनिवार को हिमाचल अटल इतिहास रचने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अटल सुरंग का उद्घाटन कर जनता को समर्पित करेंगे। इस टनल का उद्घाटन कर मोदी, चीन को एक बड़ा संदेश देंगे, क्योंकि सामरिक दृष्टि से अटल रोहतांग टनल देश के लिए महत्त्वपूर्ण है। अब एक ओर जहां लाहुल-स्पीति साल भर खुला रहेगा, वहीं सेना की गतिविधियों में भी सालभर किसी तरह की रुकावट नहीं आएगी। इस टनल से लाहुल-स्पीति की आर्थिकी को बड़ा संबल मिलेगा, जिसका मार्ग साल में चार से छह महीने तक बंद रहता था। यह क्षेत्र अब साल भर खुला रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर समेत कई हस्तियां यहां पर मौजूद रहेंगी। यहां सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। ये क्षेत्र छह महीनों के लिए भारी बर्फबारी के कारण देश के अन्य भागों से कटे रहते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बड़ी परियोजना को शीघ्र पूर्ण करने में विशेष रुचि दिखाई है। स्वर्गीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जो सपना देखा था, वह शनिवार को पूरा हो रहा है। इस टनल के शुरू हो जाने से क्षेत्र में रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। वहीं, बाहर गए युवाओं को भी घर लौटने का बेहतर अवसर मिलेगा। यहां पर आलू व मटर की खेती बहुत ज्यादा होती है, मगर किसानों को उसका दाम सही नहीं मिल पाता। भविष्य में उनकी यह चिंता भी समाप्त हो रही है। यह परियोजना 3500 करोड़ रुपए की लागत से तैयार की गई है। पीर पंजाल पर्वत शृंखला को काटकर निर्मित टनल से मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किलोमीटर कम हो गई है।
लाहुल और स्पीति घाटी के लोगों के लिए यह सुरंग वरदान साबित होगी, क्योंकि भारी बर्फबारी के कारण इन क्षेत्रों का संपर्क देश के अन्य भागों से कट जाता था। लद्दाख में स्थित सैनिकों को सुरंग से सभी मौसमों में संपर्क की सुविधा मिलेगी। अटल टनल रोहतांग में कई विशेषताएं हैं, जिसमें आपातकालीन निकासी सुरंग भी शामिल है, जिसे मुख्य सुरंग के नीचे बनाया गया है। किसी भी अप्रिय घटना के कारण मुख्य सुरंग उपयोग करने के योग्य नहीं रही, तो आपातकालीन स्थिति में इस सुरंग का उपयोग निकासी के रूप में किया जा सकता है। मूल रूप से इसे 8.8 किलोमीटर लंबी सुरंग के रूप में तैयार किया गया था और इस पर काम पूरा होने के बाद बीआरओ द्वारा किए गए जीपीएस अध्ययन से पता चला कि यह सुरंग नौ किलोमीटर लंबी है। समुद्र तल से तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह दुनिया की सबसे लंबी सुरंग होगी।
टनल में खास
* हर 150 मीटर पर दूरभाष सुविधा
* 60 मीटर के बाद फायर हाइड्रेंट
* 500 मीटर में आपातकालीन गेट
* 2.2 किलोमीटर पर कैवर्न मोड़
* एक किमी में वायु गुणवत्ता निगरानी
* ब्रॉडकास्टिंग प्रणाली भी रहेगी मौजूद
* 250 मीटर में सीसीटीटीवी कैमरे
फायदे ही फायदे
* सारा साल खुली रहेगी लाहुल-स्पीति घाटी
* पूरा साल जारी रहेंगी सेना की गतिविधियां
* क्षेत्र में रोजगार-स्वरोजगार के नए अवसर सृजित होंगे
* बाहर गए युवाओं को घर लौटने का बेहतर अवसर मिलेगा
* यहां के आलू व मटर को अब मिलेगा सही दाम
* किसानों की सुधरेगी आर्थिकी