मनोज उनियाल की रिपोर्ट
शिमला: विश्व धरोहर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक पर ऐतिहासिक स्टीम इंजन रोमांचक सफर पर दौड़ा। स्टीम इंजन दोपहर बाद शिमला से सोलन के कैथलीघाट के लिए रवाना हुआ। रेलवे ट्रैक के रोमांचक सफर का लुत्फ उठाने के लिए इसकी बुकिग ब्रिटिश सैलानियों ने करवाई थी। 29 सैलानियों ने शिमला से कैथलीघाट तक 21 किलोमीटर का सफर स्टीम इंजन से जोड़े गए 3 लग्जरी कोच में तह किया। इन्होंने 1 लाख 24 हजार में बुकिग करवाई थी। सैलानी शिमला से कैथलीघाट तक ही गए। 1 घंटा कैथलीघाट में रुकने के बाद स्टीम इंजन शिमला लौटा। शिमला से रवाना होने से पहले ब्रिटिश सैलानियों ने शिमला रेलवे स्टेशन और स्टीम इंजन की खूबसूरती को कैमरों में कैद किया। इंजन के छुक-छुक की आवाज सुनते ही रेलवे स्टेशन के आसपास के लोग व सैलानी उसे देखने के लिए इकट्ठे हो गए।स्टीम इंजन में भाप के पिस्टन में आगे-पीछे चलने और बाहर निकलने से छुक-छुक की आवाज पैदा होती है। स्टीम इंजन में बजने वाली सीटी भाप के दबाव से बजती है। डीजल इंजन के मुकाबले स्टीम इंजन की सीटी ज्यादा तीखी और दूर तक सुनाई देने वाली होती है। इंग्लैंड के सैलानी इस स्टीम इंजन पर सफर करने को लेकर काफी उत्सुक दिखे। उनका कहना है कि वे पहली बार इसमे सफर पर जा रहे है ओर इस स्टीम इंजन में सफर करने को लेकर काफी उत्सुक है। स्टेशन अधीक्षक शिमला प्रिस सेठी ने बताया कि सात ब्रिटिश सैलानियों ने 115 साल पुराने स्टीम इंजन की बुकिग करवाई थी। रेल विभाग ने इसकी बुकिग के लिए किराया एक लाख 24 हजार सभी के लिए तय कर रखा है। इंग्लैंड के सैलानियों ने स्टीम इंजन बुक करवाया था और आज 29 सैलानी सफर पर निकले है ये स्टीम इंजन कैथलीघाट तक चलाया गया है । इस साल ये दूसरी बार ये स्टीम इंजन चलाया गया है।