कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर राहुल गांधी पर धावा बोला है। उन्होंने अपनी आत्मकथा में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का जिक्र करते हुए एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने जिस समय की घटना का जिक्र किया है, उस समय हिमंता कांग्रेस में ही थे। गुलाम नबी आजाद ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि राहुल गांधी को जब बताया गया कि हिमंता बिस्वा सरमा को असम में बहुसंख्यक विधायकों का समर्थन हासिल है और वह बगावत करने के साथ ही पार्टी छोड़ने भी जा रहे हैं तो राहुल गांधी का दो टूक जवाब यह था कि ‘जाने दीजिए उन्हें ।’बता दें गुलाम नबी आजाद ने पिछले साल अगस्त में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। उन्होंने अपनी आत्मकथा ‘आजाद’ में हिमंत बिस्व सरमा और कुछ अन्य मामलों पर गंभीर प्रकाश पेश किया है। उनका यह भी कहना है कि राहुल गांधी ने हिमंता के मामले को सही ढंग से नहीं संभाला और सोनिया गांधी ने भी पार्टी अध्यक्ष के तौर पर इसमें हस्तक्षेप नहीं किया। उन्होंने कहा है कि सोनिया गांधी को इसका आभास था कि सरमा के पार्टी से चले जाने से क्या नुकसान होगा। इसी के साथ गुलाम नबी आजाद के मुताबिक, उन्हें यह भी नहीं पता था कि राहुल ने यह खुद को मजबूत दिखाने के लिए किया था या फिर वह इस बात से बिल्कुल अनभिज्ञ थे कि हिमंता के जाने का असम ही नहीं, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर में दूरगामी असर पड़ने वाला है। आजाद ने किताब में लिखा है कि, “मैंने इस बारे में सोनिया गांधी को सूचित किया, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष ने इसमें हस्तपेक्ष नहीं किया। इसके बजाय सोनिया गांधी ने मुझसे ये कहा कि हिमंत से कहो कि समस्या बिल्कुल भी पैदा न करें।”