मनोज उनियाल की रिपोर्ट
शिमला – हिमाचल मंत्रिमंडल ने राज्य की मस्जिदों और मदरसों को तुरंत प्रभाव से बंद करने के आदेश जारी किए हैं। मदरसों व मस्जिदों में छिपे तबलीगी जमात के लोगों में कोरोना की पुष्टि पाए जाने के बाद प्रदेश मंत्रिमंडल ने कड़ा संज्ञान लिया है। इसके चलते शुक्रवार को आयोजित कैबिनेट में डीजीपी एसआर मरड़ी को तलब किया गया है। कैबिनेट ने तल्खी दिखाते हुए पुलिस को आदेश दिए हैं कि मंदिर और गुरुद्वारे बंद हो सकते हैं, तो मस्जिदों के फाटक क्यों खुले हैं? कैबिनेट के इस फरमान के बाद प्रदेश की 393 मस्जिदों और 35 मदरसों में पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी है। मंत्रिमंडल की बैठक में और भी कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। कैबिनेट ने स्वास्थ्य विभाग में आवश्यकतानुसार विभिन्न मेडिकल एवं पैरामेडिकल के पदों पर तीन माह के लिए आउटसोर्स बेस पर नियुक्ति करने का फैसला लिया है। मंत्रिमंडल बैठक में लंबी चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही कैबिनेट ने नेरचैक मेडिकल कालेज को कोविड-19 समर्पित अस्पताल बनाने को भी मंजूरी दी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान मंत्रिमंडल ने कोविड-19 की स्थिति की पूर्ण समीक्षा की। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग हिमाचल प्रदेश की ओर से की गई सभी तैयारियोंं एवं वर्तमान स्थिति के बारे में प्रस्तुति के द्वारा राज्य मंत्रिमंडल को जानकारी दी गई। सभी मंत्रिमंडल सदस्यों ने प्रदेश में किए जा रहे एक्टिव केस फांइडिंग अभियान को भी सुचारू रूप से करने के निर्देश दिए और विभाग के इस कदम को सराहा।
देवभूमि की मस्जिदें खाली
वक्फ बोर्ड ने दी तसदीक, हर जगह की जानकारी जुटा रहे हैं हम
हिमाचल में जितनी भी मस्जिदें हैं, उन्हें पूरी तरह खाली करवाया जा चुका है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में कर्फ्यू लागू करने से पहले हुए लॉकडाउन के समय में ही राज्य के वक्फ बोर्ड ने इन मस्जिदों को पूरी तरह खाली करने के आदेश जारी कर दिए थे। अब इन आदेशों की तसदीक करने के लिए बोर्ड ने सभी इमामों से जानकारी ली है और उनसे पूछा गया है कि मस्जिद में कोई है तो नहीं। इसकी पूरी तसल्ली वक्फ बोर्ड ने करवा दी है। बता दें कि वक्फ बोर्ड के पास प्रदेश में केवल 19 मस्जिदें हैं, जिनका पूरा संचालन खुद बोर्ड करता है। इसके अलावा भी प्रदेश में करीब 100 से ज्यादा ऐसी मस्जिदें होंगी, जो लोगों ने खुद बनवाई हैं और उन्हें खुद ही चलाते हैं। इन मस्जिदों में लोगों की खुद की सहभागिता रहती है। ऐसी मस्जिदों को भी खाली करवाने में पुलिस ने अपना काम किया है जिसने जगह-जगह जाकर दबिश दी थी। इन मस्जिदों में रोजाना काफी संख्या में लोग आते हैं, क्योंकि पांच समय की नमाज मस्जिद में पढ़ी जाती हैं। यहां आने वालों की संख्या का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। जब से राज्य में कर्फ्यू लगा है, तब से लोगों ने मस्जिदों में आना बंद कर दिया है। इमाम के अलावा शायद ही कोई दूसरा व्यक्ति यहां नमाज को आ रहा है। लोग घरों में ही नमाज पढ़ रहे हैं। मस्जिदों में दिन में निर्धारित समय पर ही लोग आते हैं। इनके अलावा राज्य में 50 से ज्यादा मदरसे भी हैं, जहां बच्चों को दीनी शिक्षा दी जा रही है। इन मदरसों को चलाने के लिए लोगों का सहयोग रहता है, वहीं अल्पसंख्यक मंत्रालय की ओर से भी सहायता राशि ये हासिल करते हैं। सबसे बड़ा मदरसा प्रदेश में सिरमौर जिला के मिस्रवाला में है, जहां विदेशी फंडिंग भी होती रही है।
बोर्ड के पास 19 मस्जिदें, शिमला में ही सात
वक्फ बोर्ड के पास प्रदेश में जो 19 मस्जिदें हैं, उनमें शिमला में सात, सोलन में पांच, कुल्लू में एक, ऊना में एक और सिरमौर में पांच मस्जिदें हैं, जहां बोर्ड ने अपने इमाम लगा रखे हैं। यहां के लिए बोर्ड ग्रांट इन ऐड देता है।
घर में अता की जुमे की नमाज
शुक्रवार को जुमे की नमाज के लिए भी लोग मस्जिदों में नहीं आए। इक्का-दुक्का लोग ही मस्जिदों में दिखे और शेष लोगों ने घरों में ही जुमे की नमाज अता की। क्योंकि इस वक्फ सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी है, लिहाजा हिमाचल प्रदेश में मुस्लिम समुदाय भी इसकी पूरी अनुपालना कर रहा है। प्रदेश के मुस्लिम समाज ने तय किया है कि कोरोना की जंग में वे साथ हैं, लिहाजा नमाज के लिए भी लोग घरों से नहीं निकले। प्रदेश वक्फ बोर्ड ने इमामों को यह हिदायत दी है कि मस्जिदों में किसी भी तरह की भीड़ न हो। वैसे ही इस वक्त तबलीगी जमात ने इस समाज को निशाने पर ले लिया है, लिहाजा अब वक्फ बोर्ड भी नहीं चाहता कि किसी तरह की कोई अनहोनी हो। इसलिए सभी मस्जिदों से जानकारी ली गई है, जिसके बाद वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मोहम्मद राजबली ने कहा है कि मस्जिदों में भी लॉकडाउन की पूरी तरह अनुपालना की जा रही है।
चंबा जिला में सबसे ज्यादा मस्जिदें
हिमाचल में सबसे अधिक मस्जिदें सिरमौर जिला व चंबा जिला में हैं, जिसके बाद मुस्लिम आबादी सोलन जिला, कांगड़ा, बिलासपुर व संदरनगर के साथ मंडी जिला में भी काफी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। वहीं, शिमला जिला में भी काफी आबादी है, जिसके कई क्षेत्रों में मुस्लिम रह रहे हैं, वहीं चौपाल के नेरवा में भी काफी संख्या में मुस्लिम रहते हैं। यहां पहले ही तबलीगी लोगों के आने का एक बड़ा मामला सामने आ चुका है। ऐसे में न तो सरकार और न ही वक्फ बोर्ड किसी तरह की कोई लापरवाही बरत सकता है। पुलिस प्रशासन को वक्फ बोर्ड द्वारा सभी सूचनाएं उपलब्ध करवाई गई हैं और हर जगह खुद भी वे चौकसी रखे हुए हैं। कोई जमात किसी मस्जिद में न आए, इसे सुनिश्चित बनाया जा रहा है।