रितेश साहू की रिपोर्ट
तेजी से फैल रही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर थमने का नाम नहीं ले रही है। गांव हो या शहर संक्रमण ने अब हर तरफ अपनी पहुंच बना ली है। हालांकि बढ़ते संक्रमण के बीच यह बात राहत वाली जरूर है कि अधिकतर लोग होम आइसोलेशन में रहकर ही इस गम्भीर वायरस को मात देने में सफल हो रहे हैं। कई ऐसे भी परिवार हैं जिनके सभी सदस्य इस वायरस की चपेट में एक साथ आ गएं। तब भी पूरे परिवार ने हिम्मत नहीं हारी व घर पर रहकर ही वायरस को हरा दिया।
ऐसा ही एक परिवार है जांजगीर-चांपा जिले के बम्हनीडीह का,जहां जायसवाल परिवार में 6 लोगों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था,जो चिकित्सकों की सलाह पर घर में ही अलग-अलग कमरों में आइसोलेट हो गए।
बम्हनीडीह निवासी भाजयुमो जिला मंत्री सोनू जायसवाल के परिवार के सुमन जायसवाल,संजय जायसवाल , ईश्वरी जायसवाल,शशिकांत जायसवाल,उदय जायसवाल,प्रियांश जायसवाल को 28 अप्रैल को कोरोना टेस्ट कराने पर पाॅजिटिव पाया गया था,डाक्टरों कि सलाह पर सब होम आइसोलेशन में थे,जो घर हमेशा हंसी ठिठोली से गुलजार रहता था वहां अचानक से पूरा माहौल बोझिल हो गया था। सबसे बड़ी बात यह थी कि परिवार के छः सदस्यों का ही पॉजिटिव हो गया था। ऐसे में उनकी चिता काफी बढ़ गई थी। लेकिन गुजरते दिन के साथ उन्होंने परिस्थितियों से तारतम्य बैठा लिया। चिकित्सकों द्वारा लिखे गए दवा, गर्म पानी से गरारा,भांप लेने की प्रक्रिया को उनलोगों ने लगातार जारी रखा।
दो ह़फ्तों के बाद आज परिवार के सभी सदस्यों का रिपोर्ट नेगेटिव आई तो परिवार में एक बार फिर से खुशियां लौट आईं। उनका परिवार अपने बुलंद हौसले से कोरोना को मात देकर आज पूरी तरह से हंसी-खुशी जिदगी बीता रहा है।
वहीं कोरोना से जंग जितने के बाद सुमन जायसवाल ने कहा कि यह चिंता करने या घबराने का समय बिल्कुल भी नहीं है। कोरोना संक्रमित लोगों के लिए सहनशीलता, साहस से काम लेने का समय है। कोरोना पीड़ितों को अपनी सोच को सकारात्मक बनाए रखने का समय है। स्वयं को सुरक्षित रखें तथा अपने परिवार की सुरक्षा एवं बचाव के उपाय करें।
*प्रोटीन युक्त भोजन व विटामिन युक्त फलों का सेवन करते थे*
संजय जायसवाल ने बताया कि इस दौरान वे लोग प्रोटीन युक्त भोजन खाते थे व विटामिन सी युक्त फलों का सेवन करते थे, जिनमें नींबू ,केला आदि था, इसके अलावा विटामिन टेबलेट भी खाते थे।
*ज्यादा से ज्यादा करते थे पानी का सेवन*
सुमन ने बताया कि इस दौरान वे लोग सबसे ज्यादा पानी का सेवन करते थे। जिससे की शरीर में डिहाइड्रेशन ना हो। इसके अलावा खाली पेट तुलसी पत्ता, नीम पत्ता और हल्दी का सेवन भी करते थे और जो अब तक नियमित रूप से करते आ रहे हैं।