अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने एक बार फिर हरियाणा में विधायक के दफ्तर का घेराव किया, हरियाणा विधायक किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं थे और किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए थे इसी खींचातानी के चलते कई घंटे तक विधायक जी को अपने ही कार्यालय में बंद रहना पड़ा जबकि बाहर किसान मोर्चे पर जमे हुए थे,
हरियाणा में कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति है. करनाल में किसान धरने पर बैठे हैं तो अन्य स्थानों पर भी आंदोलन का असर दिख रहा है. हरियाणा के जींद में किसानों ने पांच घंटे तक पानीपत के विधायक महिपाल ढांडा को बंधक बनाए रखा.
महिपाल ढांडा उस समय जींद स्थित भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के दफ्तर में थे.
कार्यालय के बाहर सैकड़ों की तादाद में किसान जुट गए और घंटों जमे रहे. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने तकरीबन पांच घंटे बाद विधायक को अपनी गाड़ी में बैठाकर वहां से निकाला जिसके बाद वे पानीपत के लिए रवाना हो सके. विधायक को पुलिस की गाड़ी से निकाले जाने की भनक जब किसानों को लगी तो वे गाड़ी की ओर भागे. किसानों ने गाड़ी पर डंडे से भी हमला किया लेकिन पुलिस विधायक को सुरक्षित निकालने में सफल रही. इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच झड़प भी हुई.
बताया जाता है कि पटियाला चौक स्थित बीजेपी कार्यालय पर कार्यकर्ताओं की बैठक थी. पानीपत के विधायक महिपाल ढांडा बैठक लेने पहुंचे थे. किसानों को इस बात का पता चला तो किसान मौके पर जुटने शुरू हो गए. कुछ ही देर में बीजेपी कार्यालय के बाहर सैकड़ों किसान पहुंच गए. किसानों ने कार्यालय के बाहर खड़े होकर खूब नारेबाजी की. किसानों ने पुलिस की बैरिकेटिंग भी हटा दिए.
किसानों का कहना था कि वे किसी भी कीमत पर विधायक को बाहर नहीं निकलने देंगे. बाहर निकले तो उन्हें माफी मांगनी पड़ेगी. इस दौरान पुलिस ने चालाकी दिखाते हुए विधायक महिपाल ढांडा को अपनी गाड़ी में बिठाकर वहां से निकाला जिसके बाद विधायक पानीपत के लिए रवाना हो गए. किसानों का कहना है कि महिपाल ढांडा ने बाहर निकलकर माफी मांगने की बात कही थी.