परवेज़ अंसारी की रिपोर्ट
कोरोना संकट के बीच 3 मई के बाद लॉकडाउन को लेकर सरकार की आगे की क्या रणनीति होगी, इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रियों व सीनियर अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। माना जा रहा है कि कोरोना संकट के साथ-साथ इस बैठक में रेल और हवाई यात्रा को लेकर भी चर्चा हुई है। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय विमानन मंत्री हरदीप पुरी और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी मौजूद हैं। यह बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि आज से दो दिन बाद यानी 3 मई को लॉकडाउन के दूसरे चरण की अवधि भी खत्म हो रही है। इसलिए माना जा रहा है कि लॉकडाउन के मद्देनजर यह अहम बैठक है।
पूरी दुनिया में कहर मचा रहे कोरोना वायरस के मामलो में भारत में भी कमी देखने को नहीं मिल रही है। देश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार तेजी से फैल रहा है और मरीजों की संख्या अब तक 35 हजार पार कर गई है। पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 1993 नए मामले सामने आए हैं, 73 लोगों की मौत हो गई है। शुक्रवार को जारी स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 35043 हो गए हैं और इस खतरनाक कोविड-19 से अब तक 1147 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना के कुल 35043 केसों में 25007 एक्टिव केस हैं, वहीं 8889 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। कोरोना वायरस से सर्वाधिक 459 लोगों की मौत महाराष्ट्र में हुई। यहां अब इस महामारी से पीड़ितों की संख्या 12730 हो गई है।
लॉकडाउन के दूसरे चरण की समीक्षा
सूत्रों की मानें तो मंत्रियों संग इस अहम बैठक में कोरोना लॉकडाउन के दूसरे चरण की समीक्षा की गई और आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। माना जा रहा है कि इस बैठक से ही मोदी सरकार इस निष्कर्ष पर पहुंचेगी कि लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं। लॉकडाउन का दूसरा चरण 3 मई को खत्म हो रहा है, मगर कोरोना की रफ्तार में कमी देखने को नहीं मिल रही है। देश में कोरोना मरीजों की संख्या 35 हजार को पार कर गया है और प्रवासी मजदूरों के घर वापसी को लेकर केंद्र सरकार पर स्पेशल ट्रेनें चलाने का दबाव भी बन रहा है।
रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बंटा देश
कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से 3 मई के बाद यानी अगले हफ्ते के लिए जिलों को अलग-अलग हिसाब से बांटने का काम किया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश सभी जिलों को तीन कैटेगरी में बांट दिया है- रेड जोन, ऑरेंज जोन और ग्रीन जोन। स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा केस की संख्या, डबलिंग रेट और टेस्टिंग के हिसाब से जिलों की नई सूची तैयार की गई है।
नियमों में थोड़ा बदलाव
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, जिन जिलों में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और नए मरीज सामने आ रहे हैं, उस जिले को रेड जोन में रखा गया है। वहीं, जिन जिलों में बीते 21 दिनों में एक भी नया मामला सामने नहीं आया है, उसे ग्रीन जोन में रखा गया है। केंद्र सरकार ने रेड जोन से ग्रीन जोन में जिलों को रखने के मानक बदले हैं। अब 28 दिन की बजाय 21 दिन तक कोरोना का नया केस नहीं आने पर किसी जिले को रेड जोन से ग्रीन जोन में रखा जा सकेगा।
मौजूदा नियमों के तहत 14 दिनों तक नया केस नहीं आने पर जिले को रेड से आरेंज और फिर अगले 14 दिनों तक केस नहीं आने पर ग्रीन जोन जिलों में रखा जाता था। लेकिन अब यह अवधि 21 दिन रह जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदन ने मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर यह सूचित किया है। उन्होंने कहा कि डबलिंग अवधि बढ़ने और रिकवरी रेट बेहतर होने के चलते यह निर्णय लिया गया है। गुरुवार को कैबिनेट सचिव ने कोरोना की स्थिति की समीक्षा की थी। देश में अभी 130 जिले रेड जोन में, 284 आरेंज और 319 ग्रीन जोन में हैं।