New Delhi: आतंकवाद को खत्म करने तथा आतंकवाद को खत्म करने के लिए सहयोग और उन्नति और प्रगति के लिए आज से भारत और श्रीलंका संयुक्त सैन्य अभ्यास करेंगे. रक्षा मंत्रालय की ओर से एक बयान में कहा गया है कि श्रीलंकाई सेना की बटालियन-शक्ति दल के साथ 120 भारतीय जवान सभी शस्त्र दल के साथ अभ्यास में भाग लेंगे. आगे बताया गया है, “अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच गहरे संबंधों और अंतर-संचालन को बढ़ाना देना है. इसके अलावा इसके उद्देश्य आतंकवाद विरोधी अभियानों (Anti-terrorist operation) में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है.”
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मित्र शक्ति अभ्यास का आठवां संस्करण श्रीलंका के अमपारा में कॉम्बैट ट्रेनिंग स्कूल में 4 से 15 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा. भारतीय सेना ने रविवार को ट्वीट किया, “मित्र शक्ति अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए भारतीय सेना की टुकड़ी रविवार को श्रीलंका पहुंच चुकी है. वहां उनका श्रीलंकाई सेना द्वारा पारंपरिक स्वागत किया गय
रक्षा मंत्रालय ने कहा, “इस संयुक्त अभ्यास को सामरिक अभ्यास (Tactical exercise) और व्यावहारिक चर्चा (Practical discussion) के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों की वर्तमान गतिशीलता को शामिल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.” मंत्रालय ने बताया कि इस अभ्यास में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी और आतंकवाद विरोधी माहौल में उप-इकाई स्तर पर अभ्यास शामिल होंगे और दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने में काफी मदद मिलेगी. मंत्रालय ने यह भी कहा कि यह दोनों सेनाओं के बीच जमीनी स्तर पर तालमेल और सहयोग लाने में उत्प्रेरक का काम करेंगे.
अभ्यास के सातवें संस्करण का आयोजन वर्ष 2019 में भारत में हुआ था
वहीं इस अभ्यास के सातवें संस्करण का आयोजन पुणे में दिसंबर 2019 में औंध सैन्य स्टेशन स्थित विदेशी प्रशिक्षण नोड ( Foreign Training Node) में किया गया था. उस संस्करण में, भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट और श्रीलंका की जेमुनु वॉच इन्फैंट्री रेजिमेंट के एक दल ने भाग लिया था. रिपोर्ट के अनुसार, टुकड़ियों ने धारणा प्रबंधन (Perception Management) और सूचना युद्ध, मानवाधिकार और मानवीय कानून के साथ-साथ शहरी और ग्रामीण परिवेश में आतंकवाद विरोधी और आतंकवाद विरोधी (CI-CT) अभियानों का अभ्यास किया था.