नई दिल्ली
देश में कोरोना (Corona virus cases) विस्फोट हो गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के मुताबिक शुक्रवार को पूरे देश में कोरोना के 1,17, 100 नए मामले सामने आए. कोरोना की पॉजिटिविटी रेट (Positivity rate) भी बढ़कर 7.74 प्रतिशत हो गई है. इतने मामले आने के बावजूद नेशनल कोविड-19 पर बनी सुपरमॉडल कमिटी (National Covid-19 Supermodel Committee) के प्रमुख डॉ एम विद्यासागर (Dr M Vidyasagar) का कहना है कि कोविड संक्रमण के बढ़ते मामले और इसकी संख्या को देखना बंद करना चाहिए क्योंकि इसका कोई मतलब नहीं है. कोविड को खत्म करना असंभव है क्योंकि यह इम्यूनिटी को हैरतअंगेज तरीके से चकमा दे देता है. आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर डॉ ई विद्यासागर के मुताबिक ओमिक्रॉन (Omicron) के खतरे के मद्देनजर पॉजिटिविटी की संख्या स्थिति की गंभीरता को समझने का सटीक प्रमाण नहीं है.
स्कूल, कॉलेज, दफ्तर बंद करने से कुछ नहीं होगा
डॉ एम विद्यासागर ने कहा कि वर्तमान कोरोना वायरस इतना ज्यादा म्यूटेट करता है कि वैक्सीन द्वारा विकसित इम्यूनिटी को से भी बच निकलता है. इसलिए मानव शरीर इस वायरस के खिलाफ लड़ने में सक्षम नहीं है. उन्होंने कहा कि इसलिए कोविड से संबंधित किसी भी तरह की नीति बनाने के समय हमें इस नंबर पर ध्यान नहीं देना चाहिए. उन्होने कहा कि स्कूल, कॉलेज, दफ्तर को बंद करने या लॉकडाउन लगाने के लिए नीति तय करने के समय कोरोना पॉजिटिविटी की नंबर पर हमें ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना के मामले बढ़ेंगे क्योंकि इंसान के पास इससे बचने का कोई सक्षम तरीका नहीं है.
आपको वायरस तो मिलेंगे लेकिन बीमारी नहीं
डॉ विद्यासागर ने कहा कि यह ऐसा ही है जैसे इस मौसम में सर्दी-जुकाम होता है. डॉ विद्यासागर ने कहा कि चाहे कुछ भी हो कोरोना संक्रमण फैलेगा ही. लॉकडाउन इसका समाधान नहीं है. इससे वायरस का प्रसार नहीं रूकेगा. लॉकडाउन वायरस के प्रसार को रोकने के बजाय और ज्यादा अव्यवस्था या पैनिक को जन्म देगा. इससे लोगों में दहशत और भय का माहौल ही होगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़ेगी लेकिन अपने आप में इसका कोई खास अर्थ नहीं निकलेगा. जब भी कोई कोरोना पॉजिटिव होता है तो उसमें बीमारी का गंभीर रूप सामने नहीं आता है. यह ऐसा ही है कि आपको वायरस तो मिल जाएगा लेकिन आपको बीमारी नहीं होगी. सुपर मॉडल कमिटी में आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल, आर्मी मेडिकल सर्विस के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानिटकर भी शामिल हैं. इस कमिटी को नरेंद्र मोदी की सरकार ने गठित किया है.