सफर कहीं का भी हो इतना आसान नहीं होता है जितना लोग इसको समझ लेते हैं कभी कभी छोटी-छोटी गलतियां भी सर का दर्द बन जाती हैं जो बहुत ही तकलीफ देती हैं ,अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए लोग उसी पर भी ध्यान देते हैं परंतु रास्ते की छोटी-छोटी गलतियां जो उनके लिए सरदर्द बन सकती हैं उनको नजरअंदाज कर देते हैं जैसे ट्रेन में चढ़ने से पहले टिकट का यह नियम जाना जरूरी है ,
जब भी आप कहीं का सफर करते हैं मात्र टिकट कटवाने को ही आप अपना गंतव्य मान लेते हैं यह समझ लेते हैं कि बस अब सफर आसान हैं ,आपको लगता है कि सिर्फ टिकट कटवा लेने से ही यात्रा पूर्ण हो जाएगी।
लेकिन इस टिकट के अलावा भी कई ऐसे नियम हैं जिनकी जानकारी आपको ट्रेन में यात्रा करते वक्त होनी चाहिए ऐसा ना होने पर न सिर्फ जुर्माना लग सकता है बल्कि आप को जेल भी जाना पड़ सकता है इसलिए ट्रेन में बैठने से पहले ट्रेन से जुड़े नियमों का जरूर ध्यान रखें क्योंकि यह हर यात्री के जानने के लिए आवश्यक है जैसे अक्सर लोग किसी दूसरे व्यक्ति की टिकट से यात्रा करने की कोशिश करते हैं जो कि गलत है कई बार ऐसा भी होता है कि जिस व्यक्ति के नाम से टिकट बुक की गई है ,
उस व्यक्ति की जगह पर कोई दूसरा व्यक्ति यात्रा करने की कोशिश करता है जो कि गलत है हाल ही में रेल मंत्रालय ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए जानकारी दी है कि किसी अन्य व्यक्ति के नाम की टिकट पर रेल यात्रा करना दंडनीय अपराध है साथ ही मंत्रालय ने कहा है कि हमेशा उचित टिकट लेकर यात्रा करें ऐसे में आप भी समझ जाइए कि कभी भी दूसरे शख्स की टिकट के साथ सफर करने की कोशिश ना करें।
जैसे कि हर परिवार के अपने नियम होते हैं उसी तरह रेल मंत्रालय के परिवारिक नियम भी अलग हैं यह तो आप समझ ही गए कि किसी दूसरे व्यक्ति के टिकट पर आप यात्रा नहीं कर सकते हैं लेकिन परिवार को लेकर अगर आप कहीं जा रहे हैं और परिवार के किसी सदस्य की टिकट पर यात्रा कर रहे हैं तो यह बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप जिस शख्स की टिकट पर यात्रा कर रहे हैं उसके साथ आपका फोन का रिश्ता होना चाहिए जैसे कि माता-पिता भाई-बहन पति पत्नी यह बच्चों के नाम से टिकट है तो आप उसकी टिकट पर यात्रा कर सकते हैं।
मगर ऐसा नहीं है कि आप परिवार के दूसरे सदस्य की सीधी टिकट लेकर यात्रा कर सकते हैं इसके लिए आपको एक प्रोसेस चालू करना पड़ता है जिसके बाद ही आप यात्रा कर सकते हैं रेलवे के मुताबिक दोनों तरह की टिकट पर यात्रा की जा सकती है इसके लिए काउंटर यही टिकट जैसा कोई बाध्यता नहीं है जो इसके लिए यात्री को पहले टिकट पर नाम बदलना होगा यानी कि जिस व्यक्ति की रेल यात्रा करनी है उसका नाम दर्ज करना होगा यह काम परिवार कहीं कोई सा व्यक्ति कर सकता है आपके पास काउंटर टिकट हो या ई टिकट दोनों ही परिस्थितियों में अपने नजदीकी रिजर्वेशन काउंटर पर चीफ रिजर्वेशन अक्षर से मिलना होगा इसके लिए जरूरी दस्तावेज भी ले जाने होंगे कि अफसर भी आपके नाम से एक टिकट जारी करेंगे इस टिकट की मदद से आप ट्रेन में आराम से यात्रा कर सकेंगे आपको स्त्री पुरुष का ध्यान रखना होगा अगर स्त्री के नाम से टिकट है तो कोई परिवार की स्त्री का नाम बदलवा कर यात्रा कर सकेगी उसको के मामले में भी यही बात है परिजनों के अलावा भारतीय रेलवे किसी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के छात्रों को भी टिकट ट्रांसफर करने की सुविधा प्रदान करता है ऐसी स्थिति में इंस्टिट्यूट के प्रमुख को लेटर हेड पर जरूरी दस्तावेजों के साथ लिखित में ट्रेन के प्रस्थान से 48 घंटे पहले आवेदन करना होता है।
अगर आप स्टेशन या इंटरनेट से टिकट खरीदते हैं और ट्रेन में यात्रा कर लेते हैं अक्सर कई लोग ट्रेन में सफर करते समय ऐसी हरकतें कर देते हैं वह रेलवे के कानून के अनुसार अपराध है उसी के लोग जानकारी के अभाव में ऐसा कर लेते हैं और किसी अधिकारी की नजर में ना होने से जमाने से बच जाते हैं लेकिन अगर ऐसा करते हुए पकड़े जाने पर पुलिसिया रेलवे अधिकारी आप पर जुर्माना कर सकते हैं ऐसे में जब भी ट्रेन से सफर करें तो कुछ बातों का हाल ध्यान रखें ताकि आपको कोई दिक्कत नहीं है।
एक बात का और ध्यान रखना चाहिए कि आपके पास आपके द्वारा तय की जाने वाली दूरी की टिकट या जहां से ट्रेन छूटी है वहां से तय दूरी का निर्धारित साधारण अंकल किराया टिकट होना आवश्यक है ऐसा ना होने पर रेलवे एक्ट की धारा 138 आप पर ₹250 का जुर्माना लगाया जा सकता है।
धोखेबाजी से यात्रा करते हुए पकड़े जाने पर डी रेलवे एक्ट की धारा 137 के तहत यात्री पर ₹1000 का जुर्माना लगाया जा सकता है साथ ही 6 महीने की जेल या दोनों दिया जा सकता है इसके साथ ही किसी तरह से आरक्षित कोच में यात्रा करते हैं तो आपके लिए यात्रा भारी पड़ सकती है अगर आपके पास टिकट है तो भी आप उन डिब्बे में सफर नहीं कर सकते हैं रेलवे एक्ट की धारा 155 (ए) के अनुसार ऐसा करने पर 3 महीने की जेल और ₹500 का जुर्माना हो सकता है ।