परवेज़ अंसारी की रिपोर्ट
दिल्ली। निर्भया रेप केस मामले में दोषी पवन गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपराध के समय दोषी पवन को नाबालिग होने की अपील को मानने से इनकार कर दिया है। इतना ही नहीं, निर्भया के दोषियों की कल सुबह 5.30 बजे फांसी की सजा भी तय है।
वहीं, पवन के वकील एपी सिंह ने कहा है कि पवन कोई आतंकी नहीं है। साढ़े 16 साल के बच्चे को फांसी मत दो। वकील एपी सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में सब काम बंद है। लेकिन फांसी की सजा पर रोक नहीं लगाई जा रही है। यह बहुत दुखद बात है। यह सब प्रेशर में हो रहा है।
इस मामले में निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि आज की डेट में उनकी कोई याचिका बाकी नहीं है। यह फांसी को टालने की कोशिश है। हमारी अदालतों को भी इनकी हकीकत पता चल गया है। शुक्रवार सुबह 5.30 बजे निर्भया के दोषी फांसी पर लटकेंगे। इसके साथ ही निर्भया को इंसाफ मिल जाएगा।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में दोषी पवन गुप्ता की क्यूरेटिव पिटीशन पर आज सुनवाई हुई। सर्वोच्च न्यायालय के छह जज इन चैंबर में सुनवाई हुई। आज निर्भया केस में दोषी पवन गुप्ता ने अपनी क्यूरेटिव पिटीशन में दलील दी कि जब अपराध हुआ उस समय वह नाबालिग था।
निर्भया केस के दोषी पवन ने इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। तब पवन ने अपराध के समय अपने नाबालिग होने की दलील देते हुए इसे ठुकराने के आदेश को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने तब पवन की याचिका खारिज कर दी थी। उसके बाद निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय को भी पत्र लिख फांसी पर रोक लगाने और सभी रिकॉर्ड अपने पास मंगवाने की अपील की थी।
बता दें कि निर्भया के गुनहगारों को 20 मार्च के दिन सुबह 5.30 बजे फांसी दी जानी है। इससे पहले तीन बार कोर्ट से डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया के दोषी कानूनी दांव-पेंच के सहारे फांसी टलवाने में सफल रहे थे।