देश में अब फेक न्यूज फैलाने वालों की खैर नहीं। हाल ही में लोकसभा में पेश नए विधेयक की वजह फर्जी खबरें फैलाने वालों के लिए कड़े प्रावधान भी तय किए गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 को पेश किया हैं। प्रस्तावित विधेयक को समीक्षा के लिए स्थायी समिति को भेज दिया गया है। विधेयक की धारा 195 के तहत एक प्रावधान है जो भारत की संप्रभुता और सुरक्षा को खतरे में डालने वाली ‘फर्जी खबर या भ्रामक जानकारी’ फैलाने वालों से संबंधित भी है। ऐसा करने वालों को तीन साल तक की कैद की सजा भी दी जाएगी। विधेयक की धारा 195 (1) डी में लिखा हुआ है, “यदि कोई भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता या सुरक्षा को खतरे में डालने वाली झूठी या भ्रामक जानकारी बनाता है या फिर प्रकाशित करता है, तो कारावास से दंडित किया भी किया जाएगा, जिसे तीन साल तक बढ़ाया भी जा सकता है, या जुर्माना, या दोनों से दंडित भी किया जाएगा।” यह अनुभाग नए प्रस्तावित बिल के अध्याय 11 के तहत ‘सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराधों’ के तहत ‘राष्ट्रीय एकता के लिए प्रतिकूल आरोप, दावे’ विषय के तहत शामिल भी है। ‘राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले आरोप, दावे’ से संबंधित प्रावधान भारतीय दंड संहिता की धारा 153बी के तहत के थे। गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में तीन विधेयक पेश किए जिनका उद्देश्य भारतीय नागरिकों को न्याय देना और संविधान द्वारा दिए गए अधिकारों की रक्षा करने का है। बिल पेश करते हुए अमित शाह ने यह भी कहा कि इन तीन नए कानूनों की आत्मा नागरिकों को संविधान द्वारा दिए गए सभी अधिकारों की रक्षा भी करना होगा।