लाफ यानी हंसी को संक्षेप में थ्रोट, रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट तथा लंग्स का योगा माना जा सकता है। इस महंगी, आर्टिफिशियल और मॉडर्न दुनिया में लाफ्टर ही ऐसी थेरेपी है जो बिना किसी खर्च के व्यक्ति को अंदर से मजबूत, एनर्जेटिक और पॉजिटिव रख सकती है। हंसी संक्रामक होती है, जो एक से दूसरे तक फैलती जाती है।
आध्यात्म और योग की तरह ही हंसी अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत कारगर है। इससे न सिर्फ लंग्स मजबूत होते हैं और सांस संबंधी रोगों में कमी आती है बल्कि पॉजिटिव एनर्जी व इम्युनिटी भी मिलती है। तमाम न्यूरोलॉजिस्ट्स का मानना है कि खुलकर हंसने से पॉजिटिव ट्रांसमीटर्स रिलीज होते हैं। कार्डियोलॉजिस्ट्स का मत है कि हंसने से हार्ट अटैक और अन्य दिल से जुड़ी बीमारियों से बचा जा सकता है। इससे ब्लड प्रेशर कम होता है, शरीर में अधिक मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती है जिससे हार्ट की पंपिंग भी सही तरह से होती है। नेफ्रोलॉजिस्ट्स यानी किडनी विशेषज्ञ भी हंसी को एक स्वस्थ किडनी के लिए लाभकारी मानते हैं।
हंसने के अन्य फायदे
– ज्यादा हंसने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। जिससे कई बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है।
– यही नहीं इससे एंग्जाइटी डिसऑर्डर्स की आशंका भी कम होती है।
– हंसने से शरीर के सभी रिलेक्सेशन प्वाइंट एक्टिवेट होते हैं, साथ ही हृदय और मस्तिष्क ज्यादा बेहतर कार्य करते हैं।
– हंसने से लग्स के हरेक भाग में ऑक्सीजन अच्छे से पहुंचती है और फेशियल मसल्स की भी ऑटोमेटिक एक्सरसाइज हो जाती है जिससे फेस पर ग्लो आता है।
– हंसने से स्ट्रेस कम होता है।
– एक स्टडी के मुताबिक 10-15 मिनट हंसने से लगभग 50 कैलोरी बर्न होती है। इस लिहाज से हंसना वेट लॉस के लिए बेहद कारगर है।
इन बातें पर भी कर लें गौर
– निराशा और अवसाद की स्थिति में जोर-जोर से हंसना चाहिए, क्योंकि सब-कॉन्शियस माइंड में जो बात दबी है वह हंसी के जरिए बाहर आ जाती है।
– प्रेग्नेंसी में शुरू के तीन महीने में मध्यम हंसी और बाद के छह महीने में ऐसा हंसना चाहिए जिससे अब्डॉमेन के निचले हिस्से पर जोर नहीं पड़े।
– गले की समस्या हो तो जोर से हंस सकते हैं पर हंसी को धीरे-धीरे बढ़ाना एवं कम करना चाहिए।
– थॉयराइड, मोटापा व टांसिल्स की समस्या में सिंहमुद्रा में हंसना लाभप्रद होता है।
– अस्थमा, ब्लड प्रेशर व हार्ट डिजीज में एक्सपर्ट्स धीमें और मंद मंद मुस्कुराने की सलाह देते हैं।