परवेज़ अंसारी की रिपोर्ट
नई दिल्ली-कहते हैं जनाजा जितना छोटा होता है उतना ही भारी होता है… यह तस्वीर कोरोना संक्रमित उस चार महीने की बच्चे के शव की है, जिसकी मौत हो गई। कोरोना ने अब तक देश में 700 से भी अधिक लोगों को मौत की नींद सुला दिया है, लेकिन उनमें से यह मौत सबसे अधिक दिल दुखाने वाली है। बच्चे की मौत के बाद उसे अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों ने दफनाया। इससे भी ज्यादा दर्दनाक यह था कि परिवार का कोई भी सदस्य न बच्चे की मां और न उसके पिता आखिर बार अपनी नन्हीं जान को देख पाए। देश में कोरोना से यह सबसे कम उम्र में मौत का मामला बताया जा रहा है। बच्चे की रिपोर्ट एक दिन पहले ही कोरोना पॉजिटिव आई थी और शुक्रवार सुबह उसकी मौत हो गई। केरल में जिस चार महीने के बच्चे की मौत हुई, उसका कोझिकोड के मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा था। उसे पिछले तीन महीने से दिल की बीमारी थी और निमोनिया भी था। एक दिन पहले ही उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी। बच्चा मलप्पुरम का रहने वाला था। उसे कोरोना संक्रमण किससे हुआ, यह जानने के लिए माता-पिता दोनों के ही सैंपल लिए गए हैं। उनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री भी नहीं है, लेकिन इलाज के लिए उसे बार-बार अस्पताल लाना पड़ता था। बच्चे को ओपर हार्ट सर्जरी के लिए अस्पताल में एडमिट कराया गया था, लेकिन तबीयत बिगड़ती देख उसका कोरोना टेस्ट किया गया था, जिसमें कोरोना होने की पुष्टि हुई थी। तस्वीर में दिख रहीं महिलाएं बच्चे की रिश्तेदार हैं जो मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के बाहर सैंपल के लिए स्वैब कलेक्शन का इंतजार कर रही हैं। बच्चे को दफनाने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों ने खुद को सैनेटाइज किया। केरल में कोझिकोड मेडिकल कालेज के दो हाउस सर्जन के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
दफनाते वक्त स्वास्थ्यकर्मी भी रो पड़े
बच्चे की मौत के बाद कोझिकोड में ही कन्नामबरम मस्जिद में स्वास्थ्यकर्मियों ने उसको दफना दिया। इस दौरान वे भी अपने आंसू न रोक पाए। केरल में अब तक कोरोना संक्रमण से तीन लोगों की मौत हो चुकी है।