मुंबई: 90 के दशक मे लोगों के दिलों पर राज करने वाले और अपने अभिनय का लोहा मनवाने वाले किरदार का अंत 1987 में दूरदर्शन पर प्रसारित हुए सागर के बेहद लोकप्रिय पौराणिक सीरियल ‘रामायण’ में रावण का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरविंद त्रिवेदी का मंगलवार की रात को हार्टअटैक से निधन हो गया. वह 82 साल के थे और लंबे समय से उम्र संबंधी तमाम बीमारियों से जूझ रहे थे. इस कारण वह चलने फिरने में भी असमर्थ हो गए थे.
अरविंद त्रिवेदी के भतीजे कौस्तुभ त्रिवेदी ने फोन पर अपने चाचा अरविंद त्रिवेदी की मौत की पुष्टि करते हुए कहा, “चाचाजी पिछले कुछ सालों से लगातार बीमार चल रहे थे. पिछले 3 साल से उनकी तबीयत कुछ ज्यादा ही खराब रहने लगी थी. ऐसे में उन्हें दो-तीन बार अस्पताल में भी दाखिल कराना पड़ा था. एक महीने पहले ही वो अस्पताल से एक बार फिर घर लौटे थे. मंगलवार की रात 9-9.30 बजे उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उन्होंने कांदिवली स्थित अपने घर में ही दम तोड़ दिया.”
अरविंद त्रिवेदी ने कभी कल्पना नहीं थी कि ‘रामायण’ में रावण का रोल निभाने से उनकी लोकप्रियता चरम पर पहुंच जाएगी और उनकी पहचान गुजराती अभिनेता से अलग देशव्यापी स्तर पर बन जाएगी.अरविंद त्रिवेदी के
शुरुआती दौर में सीरियल ‘रामायण’ में काम करते वक्त अरविंद त्रिवेदी को इस बात का तनिक भी आभास नहीं था कि सीरियल और उनके किरदार की लोकप्रियता के चलते लोग उनकी शख्सियत से इस कदर नफरत करने लगेंगे कि जैसे वो सचमुच के रावण और असल जिंदगी में भी विलेन हों. ‘रामायण’ में काम करने से पहले गुजराती के सैंकड़ों नाटकों और फिल्मों में अभिनय कर चुके अरविंद त्रिवेदी को इस बात की भी कल्पना नहीं थी कि ‘रामायण’ में रावण का रोल निभाने से उनकी लोकप्रियता चरम पर पहुंच जाएगी और उनकी पहचान गुजराती अभिनेता से अलग देशव्यापी स्तर पर बन जाएगी और देखते ही देखते वे घर-घर पहचाने जाने लगेंगे.
‘रामायण’ के बाद अरविंद त्रिवेदी ने ‘विक्रम और बेताल’ के अलावा कई और हिंदी सीरियल्स और फिल्मों में भी काम किया. मगर आज भी उन्हें रामानंद सागर की ‘रामायण’ में पुरअसर अंदाज में निभाए अपने रावण के किरदार के लिए जाना जाता है. उन्होंने 300 से भी अधिक गुजराती और हिंदी फिल्मों में काम किया और अनेकों गुजराती नाटकों में अपने दमदार अभिनय की छाप छोड़ी.
बता दें, ‘रामायण’ में रावण के अपने किरदार की कामयाबी के बाद अरविंद त्रिवेदी को बीजेपी ने लोकसभा चुनाव का टिकट भी दिया था. उन्होंने न सिर्फ गुजरात के साबरकांठा से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा, बल्कि रावण के पौराणिक किरदार की सफलता के बूते उन्होंने चुनाव भी जीता. वह 1991 से 1996 तक लोकसभा के सांसद रहे. अरविंद त्रिवेदी के भाई उपेंद्र त्रिवेदी भी गुजराती रंगमंच और सिनेमा के एक जाने-माने अभिनेता थे.