दिल्ली में पानी का महासंकट देखने को मिल सकता है. देश की राजधानी पहले ही पानी की कमी की वजह से परेशान है. अब खबर है कि 11 जुलाई की सुबह से दिल्ली में पानी की और ज्यादा दिक्कत हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि वज़ीराबाद के तालाब में जलस्तर कम हो गया है. वहीं दूसरी तरफ कहा गया है कि हरियाणा की तरफ से यमुना के पानी को रोका गया है. इन्हीं दो वजहों से दिल्ली में पानी का महासंकट खड़ा हो सकता है. दिल्ली में पानी का महासंकट इस संकट के लिए आम आदमी पार्टी की तरफ से हरियाणा सरकार को जिम्मेदार बताया जा रहा है. उनकी तरफ से जोर देकर कहा जा रहा है कि हरियाणा की खट्टर सरकार ने यमुना में उतना पानी नहीं छोड़ा है, जितना आमतौर पर छोड़ा जाता है.इस वजह से दिल्ली में अब पानी की कमी हो सकती है. इस बारे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राघव चड्ढा ने बताया है कि दिल्ली की जल आपूर्ति दूसरे राज्यों पर निर्भर करती है. गंगा, यमुना और ग्राउंड वाटर के जरिए दिल्ली की बढ़ती डिमांड को पूरा किया जाता है. लेकिन अब पिछले कुछ दिनों से हरियाणा की तरफ से यमुना में ज्यादा पानी नहीं छोड़ा जा रहा है, जिसका असर आने वाले दिनों में दिल्ली में दिख सकता है. क्या है बड़ी वजह? जानकारी दी गई है कि दिल्ली में 11 जुलाई की सुबह और रात में पानी की समस्या खड़ी हो सकती है. वहीं जब तक तालाब में पानी का स्तर ठीक नहीं हो जाता, ये समस्या बनी रहेगी. ऐसे में दिल्ली के लिए आने वाले दिन चुनौतीपूर्ण साबित हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा असर करोल बाग, कमला नगर, शक्ति नगर, राजेंदर नगर, पटेल नगर, संगम विहार, मूलचंद, ग्रेटर कैलाश जैसे इलाकों में देखने को मिल सकता है. अभी के लिए आम आदमी पार्टी दावा कर रही है कि जल बोर्ड की तरफ से दिल्ली की पीक डिमांड को भी पूरा किया जा रहा है. अब तक 945 एमजीडी पानी दिल्ली के लोगों को दिया गया है. लेकिन अब जब गर्मी बढ़ रही है और और जलस्तर घट रहा है, तो आने वाले दिनों में चुनौतियां बढ़ सकती हैं.