मुंबई. मुंबई (Mumbai) के कांदिवली में फर्जी टीकाकरण शिविर में कोरेाना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगवाने वालों में से एक 31 साल की महिला कोरोना वायरस संक्रमित पाई गई है. अब उसका स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है. उसे रेमडेसिविर समेत अन्य इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं.
इस महिला का नाम जैना सांघवी है. वह उन 390 लोगों में शामिल है, जिन्हें हीरानंदानी हेरीटेज हाउसिंग सोसाइटी में कुछ लोगों द्वारा लगाए गए फर्जी कोरोना टीकाकरण केंद्र में वैक्सीन की डोज लगाई गई थी. इन लोगों का दावा था कि वह एक प्राइवेट अस्पताल से हैं और वहां टीकाकरण कैंप लगाए हैं.
सभी 390 लोगों का दावा था कि उन्हें टीका लगने के बाद उनकी जानकारी कोविन एप पर नहीं मिली. साथ ही उन्हें तीन अलग-अलग अस्पतालों के नाम पर सर्टिफिकेट जारी किए गए. उन्होंने इस बात की भी आशंका जताई थी कि उन्हें लगाई गई कोरोना वैक्सीन नकली थी.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जैना सांघवी ने कहा, ‘ मेरा अस्पताल का बिल पहले से ही काफी अधिक है. साथ ही रेमडेसिविर का इंजेक्शन भी काफी महंगा है. आर्थिक तनाव के अलावा मुझे भावनात्मक तनाव भी है. क्योंकि मैं अपनी छह साल की बेटी को अपने मां-बाप के पास नालासोपारा में छोड़कर आई हूं. उसे भी जुखाम है, इससे मेरी चिंता और बढ़ गई है. इसके साथ ही उसका ऑनलाइन स्कूल चल रहा है और उसकी परीक्षा होने वाली है. मुझे ऐसे समय उसके साथ ना होने के कारण काफी खराब लग रहा है.’
जैना का कहना है, ‘यह सब तब हुआ जब हमने समय पर वैक्सीन की डोज के लिए रजिस्टर कर दिया था. अब मुझे अगले महीने दूसरी डोज लगनी है.’ महिला का दावा है कि फर्जी वैक्सीनेशन के एक महीने से अधिक होने के बाद भी अथॉरिटी अपनी ओर से पुन: वैक्सीनेशन के संबंध में कोई स्पष्टीकरण नहीं दे रही हैं.
वहीं बीएमसी का कहना है कि अभी उसे इस पर निर्णय लेना है कि फर्जी टीकाकरण केंद्र में वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को टीका कैसे लगवाया जाए. बीएमसी के कहा, ‘हम पुलिस रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं ताकि पता चल सके कि वैक्सीन की उन शीशियों में क्या था. जून के आखिरी सप्ताह स्वास्थ्य अफसरों की एक टीम सोसाइटी गई थी. उन्होंने वहां लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी ली थी.’