म्यांमार में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं और रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.4 की मापी गई है। यह भूकंप रात के 10 बजकर 1 मिनट पर आया और फिलहाल जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक भूकंप का केंद्र जमीन से 90 किलोमीटर नीचे रिकॉर्ड किया गया है। अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है। यह भूकंप का झटका महसूस होने के बाद लोग घरों से बाहर भी निकल गए हैं। म्यांमार के यांगून में पिछले महीने 22 जून को भी भूकंप के दो झटके लगे थे और रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई थी। इस दौरान भी जान माल का कोई नुकसान नहीं हुआ था और महिलाओं और बच्चों में डर देखा गया था।
धरती के भीतर कई प्लेटें होती हैं जो समय-समय पर विस्थापित भी होती हैं। इस सिद्धांत को अंग्रेजी में प्लेट टैक्टॉनिकक और हिंदी में प्लेट विवर्तनिकी बोलते हैं। इस सिद्धांत के अनुसार पृथ्वी की ऊपरी परत लगभग 80 से 100 किलोमीटर मोटी होती है जिसे स्थल मंडल बोला जाता हैं।
पृथ्वी के इस भाग में कई टुकड़ों में टूटी हुई प्लेटें होती हैं जो तैरती ही रहती हैं। सामान्य रूप से यह प्लेटें 10-40 मिलिमीटर प्रति वर्ष की गति से गतिशील रहती हैं और इनमें कुछ की गति 160 मिलिमीटर प्रति वर्ष भी होती है।जब भी यह प्लेटें गतिशील होती हैं तो यह आपस में टकराती ही हैं। इन प्लेटों के टकराने से ही तरंगे पैदा होती हैं और यही नहीं इन्हीं प्लेटों के एक-दूसरे से टकराने के बाद यह एक दूसरे के उपर चढ़ने लगती हैं जिसके परिणामस्वरूप भूकंप आता है।