याची कुमारी कल्याणी मेहरोत्रा ने कहा था कि सरकारी कर्मियों के मृतक आश्रित की नियुक्ति संबंधी वर्ष 1974 की नियमावली के तहत डीआरडीए में उसकी अनुकंपा के आधार पर तैनाती किए जाने के दावे को यह कहते हुए खारिज कर दिया गया था कि यह नियम डीआरडीए कर्मचारियों के मामले में लागू नहीं हैं। याची ने इसे चुनौती दी थी। पहले अनुकंपा नियुक्ति के मुद्दे पर दो मतों वाले अलग-अलग फैसलों के मद्देनजर मामले को पूर्ण पीठ को भेजा गया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बुधवार को अहम फैसले में कहा कि जिला ग्राम्य विकास अभिकरण (डीआरडीए) कर्मियों पर भी वर्ष 1974 के मृतक आश्रित नियम लागू होंगे। इस प्रकरण में पहले कोर्ट के दो मामलों में दिए गए अलग-अलग निर्णयों की वजह से मृतक आश्रितों की डीआरडीए में अनुकंपा नियुक्ति के मुद्दे पर सवाल उठाते हुए इनको जवाब के साथ तय करने के लिए मामला तीन न्यायाधीशों की पूर्णपीठ को संदर्भित किया गया था।
न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह और न्यायमूर्ति मनीष माथुर की पूर्ण पीठ ने कहा कि 17 मार्च 1994 के शासनादेश के मद्देनजर मृतक आश्रित नियमावली 1974 के प्रावधान डीआरडीए कर्मियों पर लागू होंगे अर्थात उन्हें भी इनका लाभ मिल सकेगा।