अश्लील फ़िल्में बनाने के आरोप में मुंबई पुलिस ने शिल्पा शेट्टी के पति और बिज़नेसमैन राज कुंद्रा को गिरफ़्तार किया है. इस मामले में पुलिस हर रोज़ कुछ नए लोगों से पूछताछ कर रही है. राज कुंद्रा फ़िलहाल पुलिस रिमांड में हैं और पुलिस उनसे इस संबंध में एक-एक जानकारी लेने की कोशिश कर रही है.
जनसत्ता अख़बार के मुताबिक़, इस मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने अभिनेत्री गहना वशिष्ठ और दो अन्य लोगों को पेश होने के लिए कहा था, लेकिन रविवार को ये तीनों ही पेश नहीं हुए.
गहना वशिष्ठ का बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पोर्न फ़िल्मों के निर्माण और ऐप के ज़रिए उनके प्रदर्शन को लेकर राज कुंद्रा की गिरफ़्तारी के बाद गहना ने कहा था कि पोर्न फ़िल्म और उत्तेजक सामग्री में फ़र्क़ है.
गहना ख़ुद भी राज कुंद्रा की तीन फ़िल्मों में काम कर चुकी हैं. पुलिस ने इस मामले में अभी तक 11 लोगों को गिरफ़्तार किया है.
एक अन्य अख़बार के मुताबिक़, इस मामले में राज कुंद्रा की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. अख़बार ने सूत्रों के हावाले से लिखा है कि कुंद्रा की ही कंपनी के चार कर्मचारी सरकारी गवाह बन गए हैं.
भारत-चीन सीमा विवाद- डेमचोक में भारत के इलाक़े में दिखा चीन का टेंट
इंडियन एक्सप्रेस अख़बार ने वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि पूर्वी लद्दाख के डेमचोक में चारडिंग नाला के भारतीय हिस्से में चीन ने तंबू लगाए हैं.
अधिकारियों ने इन तंबुओं में रह रहे लोगों को “कथित नागरिक” बताया है और कहा है कि भारत उन्हें वापस जाने के लिए कह रहा है, लेकिन वे उन टेंटों में अभी भी बने हुए हैं.
डेमचोक वो इलाक़ा है जहां पहले भी भारतीय सेना और चीन के सैनिकों के बीच आमना-सामना हो चुका है.
1990 के दशक में भारत-चीन ज्वाइंट वर्किंग कमेटी की बैठकों के दौरान दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए थे कि डेमचोक और ट्रिग हाइट्स वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विवादित बिंदु थे.
मानचित्रों के आदान-प्रदान के बाद, ऐसे और क्षेत्रों की पहचान की गई जिन्हें लेकर दोनों पक्षों की अलग-अलग धारणा है. इस आधार पर एलएसी के 10 अन्य क्षेत्रों की भी पहचान की गई है.
बीते साल सीमा-विवाद शुरू होने के बाद पूर्वी लद्दाख में पांच ऐसे और बिंदुओं को चिन्हित किया गया जिन्हें लेकर गतिरोध है.
अधिकारियों ने बताया कि गतिरोध के ये पांच बिंदु गलवान घाटी में KM120, श्योक सुला क्षेत्र में PP15 और PP17A, रेचिन ला और रेजांग ला हैं.
चीन ने सोमवार को कोर कमांडर-स्तर की वार्ता के 12वें दौर का प्रस्ताव रखा था, लेकिन भारत ने 26 जुलाई को कारगिल दिवस के मद्देनज़र इसे कुछ दिनों के लिए स्थगित करने के लिए कहा.
सूत्रों ने कहा कि कोर कमांडर स्तर की वार्ता अब अगस्त के पहले सप्ताह में हो सकती है.
मूसलाधार बारिश और भूस्खलन से जन-जीवन प्रभावित
महाराष्ट्र में बाढ़ की चपेट में आकर अब तक कम से कम 149 लोगों की मौत हो गई है. वहीं रविवार को हिमाचल प्रदेश के किन्नौर ज़िले में भू-स्खलन में नौ लोगों की जान चली गई.
दैनिक हिंदुस्तान के अनुसार, महाराष्ट्र के तटीय इलाक़ों में लगातार बारिश हो रही है. एनडीआरएफ़ की 34 टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. महाराष्ट्र का सांगली, सतारा, रत्नागिरी, रायगढ़, ठाणे और कोल्हापुर इलाक़ा सबसे अधिक प्रभावित है. अभी तक क़रीब एक लाख 35 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा चुका है. वहीं सौ से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं.
आरकॉम का लाइसेंस होगा रद्द
भुगतान न कर पाने कारण दूरसंचार विभाग अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन का लाइसेंस रद्द करने की यौजना बना रहा है. हालांकि इससे पहले उन्हें विभाग की ओर से एक नोटिस भेजा जाएगा और कारण बताने को कहा जाएगा.
बिज़नेस स्टैंडर्ड लिखता है- अधिकारियों के मुताबिक़, लाइसेंस करार की शर्तें सरकार को कंपनी का लाइसेंस रद्द करने का अधिकार देती हैं.
आरकॉम के पास देशव्यापी लाइसेंस और 22 में से 14 सर्कल में 850 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम है. बिज़नेस स्टैंडर्ड की ख़बर के अनुसार, आरकॉम पर लेनदारों का 49,054 करोड़ रुपये बकाया है. कंपनी पर स्पेक्ट्रम और लाइसेंस शुल्क के तौर पर दूरसंचार विभाग का 25,199 करोड़ रुपये बकाया है.
अमेज़न के वर्षावन में दस हज़ार से अधिक प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा: रिपोर्ट
बुधवार को प्रकाशित एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार, अमेज़न के वर्षावन के विनाश के कारण पौधों और जानवरों की क़रीब 10,000 से अधिक प्रजातियों के विलुप्त होने का ख़तरा बढ़ गया है.
अमेज़ॅन (एसपीए) के लिए विज्ञान पैनल द्वारा तैयार की गई 33 अध्यायों की रिपोर्ट दुनिया भर के 200 वैज्ञानिकों के शोध के आधार पर तैयार की गई है.
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, इस विशाल वर्षावन की स्थिति का अब तक का ये सबसे विस्तृत आकलन है और रिपोर्ट में साफ़ तौर पर हो रहे विनाश के ख़तरे को बताया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक दशक से भी कम समय में वनों की कटाई और वन-क्षरण को पूरी तरह से रोकना होगा और पहले से नष्ट हुए क्षेत्रों की बड़े पैमाने पर बहाली का भी आह्वान किया गया है.