नई दिल्ली । दिल्ली सरकार शिक्षकों के लिए टीचर ट्रेनिंग यूनिवर्सिटी (शिक्षक प्रशिक्षण विश्वविद्यालय) की स्थापना करेगी। इस विश्वविद्यालय में दुनिया के बेहतरीन शिक्षकों की मदद लेकर दिल्ली के लिए बेहतर शिक्षक तैयार किए जाएंगे। फिलहाल दिल्ली में ऐसा कोई विश्वविद्यालय नहीं है, जहां पूर्ण रूप से सिर्फ शिक्षक ही तैयार किए जा सकें।
इस विश्वविद्यालय के आने से स्कूलों में बेहतरीन शिक्षकों की कमी भी दूर होगी और शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार होगा। ये विश्वविद्यालय नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित होगा। इसमें स्नातक स्तर पर शिक्षण प्रशिक्षण पर ध्यान देने के साथ चार साल का बीएड पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव है। सरकार के मुताबिक, ये विश्वविद्यालय पूर्ण रूप से शिक्षकों को तैयार करने के लिए होगा। इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के सहयोग से देश के लिए बेहतरीन शिक्षकों का एक नया समूह तैयार करना होगा।
इसके अलावा, सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर चुके छात्रों में अंग्रेजी बोलचाल को और बेहतर बनाने के लिए शिक्षा निदेशालय ने एक योजना का प्रस्ताव किया है। इस योजना के तहत अंतरराष्ट्रीय एंजेसियों की मदद से तीन माह के भीतर नियमित कक्षाओं के जरिये लगभग पांच-छह लाख छात्रों को अंग्रेजी बोलना सिखाया जाएगा। इसके बाद छात्रों को बेहतर उच्च शिक्षा या रोजगार प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजा जाएगा
शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजने की योजना जो बीते साल किन्हीं कारणों से ठप पड़ी थी वो इस साल फिर से शुरू की जाएगी। इसमें सरकार अच्छे शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए विदेश भेजेगी, ताकि शिक्षक विदेशों में जो भी सीखें उसे दिल्ली के स्कूलों की शिक्षा को और बेहतर बनाने में लागू कर सकें। इसके तहत शिक्षकों को कैंब्रिज, हार्वर्ड जैसे विश्वविद्यालयों में जाकर प्रशिक्षित होने का मौका मिलेगा।
दिल्ली स्कूल एजुकेशन एक्ट व दिल्ली यूनिवर्सिटी एक्ट को बदलने का प्रस्ताव
सरकार ने दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम और दिल्ली विश्वविद्यालय अधिनियम को बदलने का भी प्रस्ताव रखा है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट भाषण में कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति दिल्ली में लागू हो सके इसके लिए जरूरी है कि 50 साल पुराने दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम 1973 और सौ साल पुराने दिल्ली विश्वविद्यालय अधिनियम 1922 को बदला जाए। इसके लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है।