कोरोना वायरस संपूर्ण विश्व में अपने पांव पसार चुका है। आंकड़ों के अनुसार देखा जाए तो कोरोना अब तक विश्व के 190 देशों में फैल चुका है तथा विश्व में इससे लगभग 14 हजार मौतें हो चुकी हैं। ऐसे आंकड़ों को देखने के बाद इस वायरस को मजाक में नहीं लिया जा सकता है। बात अगर भारत की करें, तो भारत में अब तक 400 के करीब कोरोना वायरस से संक्रमित लोग हैं, जिसमें से नौ की मौत हो चुकी है, तथा संक्रमित लोगोंकी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बात हिमाचल प्रदेश की करें तो हिमाचल में अभी तक 71 मामले आए थे जिसमें से केवल दो ही पाजिटीव पाए गए थे जबकि इसके अलावा एक तिब्बती की मौत हुई है, जोकि हाल ही में अमरीका से लौटा था। इसमें मौत के बाद जांच में कोरोना की पुष्टि हुई है। यह बात तो हो गई आकड़ों की, लेकिन जब तक लोग सरकार के आदेशों का पालन नहीं करेंगे, इसे फैलने से नहीं रोका जा सकता है, सरकार द्वारा 22 मार्च, को भी जनता कफ्र्यू लगाया गया था। अधिकांश क्षेत्रों में लोगों ने इसे अपना समर्थन दिया जबकि कई जगह लोग आवाजाही से नहीं रुके जो कि एक निंदनीय विषय है। लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी तथा सरकार के निर्देशों का भी पालन करना होगा अन्यथा जनता कफ्र्यू लगाने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। 22 मार्च के दिन शाम को लोगों ने घंटी, शंख, थाली बजाकर आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों का धन्यवाद भी किया था, जो इन सेवाओं में लगे लोगों को एक नई सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करेगा, तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के जनता कफ्र्यू को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भी एक सराहनीय प्रयास बताया जा रहा है, जिसमें प्रत्येक भारतीय की भूमिका थी।
लेकिन तब भी बीच में कुछ ऐसे लोग हंै, जो अभी भी कोरोना वायरस को मजाक में ले रहे हंै तथा सोच रहे हैं कि उन्हें नहीं हो सकता, यह एक मूर्खता है। सरकार द्वारा जनता कफ्र्यू लगाया जा रहा है, लेकिन लोग इसका उल्लंघन कर रहे है यह गलत बात है। भारत के कई राज्यों में कफ्र्यू लगा दिया गया है, क्योंकि वहां के लोग सरकारी आदेशों को ठेंगा दिखा रहे थे, वहां की सरकारों ने अब सख्ती का रुख कर लिया है जिसे मानना अब अनिवार्य है। लोगों को सोचना होगा तथा जितना हो सकता है कोरोना वायरस को फैलने से बचने के लिए सामाजिक दूरी बनानी होगी, घरों में रहना होगा अन्यथा इस वायरस को इतिहास में सबसे बड़ी मानव त्रासदी के नाम से जाना जाना निश्चित है। साथ में ही इसका समाधान कफ्र्यू व लॉकडाउन से ही संभव नहीं है। इसके लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का होना भी अनिवार्य है क्योंकि स्वास्थ्य सुविधाएं जब तक चकाचक नहीं होंगी तब तक कफ्र्यू लगाने का कोई उद्देश्य नहीं रहता। लोगों को 31 मार्च, तक घरों में हर हालत में रहना होगा तथा कोरोना के चक्र को भेदना होगा। जब सामाजिक दूरी बनेगी तभी इसे रोका जा सकता है।
भारत सरकार,राज्य सरकारों को समय-समय पर हर संभव सहायता प्रदान कर रही है तथा सरकारों को निर्देश भी दे रही है कि लॉकडाउन व कफ्र्यू का पालन सख्ती से करवाया जाए, क्योंकि स्थिति ऐसी बन चुकी है जिसका समाधान करना आवश्यक है अन्यथा यह भंयकर त्रासदी के रूप में परिवर्तित हो सकती है। लोगों को अपनी मनमानियों से बचना होगा तथा घर में रहकर देश का सहयोग करना होगा ,यह एक ऐसा समय है जिसमें बिना कुछ करे ही, बहुत कुछ होगा यानी सबसे बड़ा योगदान होगा, इसलिए समस्त देश की जनता को लॉकडाउन व कफ्र्यू का स्वयं पालन करना होगा तथा निश्चित समय तक अपने घरों में रहना होगा। तभी इस वायरस को रोका जा सकता है। इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है, जिसे इटली का उदाहरण देकर अधिक अच्छे तरीके से समझा जा सकता है। जहां लाशें उठाने तक को कोई राजी नहीं है।इसलिए घरों में रहें, जितना हो सकता है बाहर न निकलें, जमाखोरी न करें, सरकार समय समय पर जानकारी दे रही है कि हर जरूरत का सामान बाजार में उपलब्ध रहेगा, तथा आपात्त्कालीन सेवाएं भी चलती रहेंगी।
आपका इस समय एक मात्र कार्य सरकारी आदेशों का पालन करना है तथा खुद को सामाजिक दायरे से दूर रखना है। अफवाहों से बचना है व सही जानकारी प्राप्त कर अपने कत्र्तव्य को निभाना है। इसमें जनता को अपनी व समाज की सुरक्षा के लिए अपनी सहभागिता को सुनिश्चित करना होगा। जहां एक ओर 22 मार्च का जनता कफ्र्यू सफल रहा व जनता ने पूर्ण सहयोग दिया तो वहीं दूसरी तरफ जनता ने सरकार द्वारा निर्धारित 31 मार्च, तक जारी लॉक डाउन के प्रति संवेदनहीनता भी देखी गई, जिसके चलते अब महाराष्ट्र, चंडीगढ़, पांडिचेरी व पंजाब में सरकार को कफ्र्यू लगाना पड़ा। देश के प्रधानमंत्री ने जहां जनता से एक बार फिर सहयोग की अपील की, वहीं पर उन्होंने राज्य सरकारों को नियमों और कानून का पालन करवाने के आदेश दिए। अब राज्य सरकारों को लॉक डाउन की स्थिति बहाल करने हेतु कानूनी नियमों का सहारा लेना पड़ेगा। अत: हम, आप व सभी समाज को कोरोना वायरस से पैदा होने वाले खतरे को समझते हुए सरकार का सहयोग करना होगा, तभी हम और आप सुरक्षित रह सकते हैं।