RBI की ओर से जारी नए दिशानिर्देश के अनुसार अनुसूचित निजी बैंक RBI के साथ समझौते के बाद सरकारी कारोबार में हिस्सा ले सकते हैं, लेकिन जो बैंक RBI के PCA (प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन) में होंगे उन बैंकों को ऐसा करने की इजाजत नहीं होगी. वित्त मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास, सरकार के सामाजिक सेक्टर के काम और ग्राहकों की सुविधा बढ़ाने में अब प्राइवेट बैंक भी समान रूप से भागीदार बन सकेंगे.
दरअसल, सरकार के बैंकिंग के कामकाज अबतक सिर्फ सरकारी बैंकों के जरिए ही संपन्न होते थे, इसमें निजी बैंकों की भागीदारी बिल्कुल नहीं थी. तब फरवरी 2021 में वित्त मंत्रालय ने प्राइवेट सेक्टर के बैंकों को सरकारी व्यवसाय के आवंटन पर सितंबर 2012 में लगाए गए प्रतिबंधों का हटाने का ऐलान किया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ महीने पहले अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि प्राइवेट बैंक भी अब सरकार के बैंकिंग कामकाज में शामिल हो सकेंगे. इसका फायदा ये होगा कि प्राइवेट बैंकों पर लगी रोक हटने से ग्राहकों की सुविधा बढ़ेगी, कंपटीशन बढ़ेगा और ग्राहकों को बेहतर सेवा मिल सकेगी.
सरकार से जुड़े बैंकिंग ट्रांजैक्शन जैसे टैक्स और दूसरे रेवेन्यू पेमेंट की सुविधाओं में प्राइवेट बैंक भी शामिल हो सकते हैं. इस कदम से ग्राहकों की सुविधा बढ़ेगी, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और ग्राहकों की सेवाओं का स्तर भी ऊंचा उठेगा. अब RBI पर सरकारी बैंकिंग कामों को प्राइवेट बैंकों को देने पर कोई पाबंदी नहीं रह गई है.