नई दिल्लीः किसी मकान की खरीदारी करने का मन हो और आपके पास पैसें नहीं तो होम लोन लेना ही लोग ज्यादा पसंद करते हैं। होम लोन लेने से घर खरीदने का सपना भी पूरा हो जाता है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान भी रखना जरूरी होता है। अगर आप होम लोन लेने की सोच रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत मायने रखती है। होम चुकाने के लिए बैंक किस्त बनाती हैं, जिससे ग्राहकों को जमा करने में दिक्कत महसूस ना हों।- होम लोन के लिए इन दस्तावेजों को रखें तैयारहोम लोन देने वाली वित्तीय संस्थाओं के लिए ग्राहक का क्रेडिट स्कोर बहुत मायने रखकता है। बढ़िया क्रेडिट स्कोर आपको ज्यादा और सस्ता लोन दिलाता है।800 बेसिस प्वाइंट से ऊपर का क्रेडिट स्कोर अच्छा माना जाता है। वक्त पर अपने जूदा EMI और क्रेडिट कार्ड बिल चुका कर क्रेडिट स्कोर बेहतर किया जा सकता है।एक बार अपना क्रेडिट स्कोर का पता करने के बाद आप आइडेंटिटी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ, इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़े डॉक्यूमेंट, बैंक स्टेटमेंट, एंप्लॉयर प्रूफ समेत दूसरे दस्तावेजों को तैयार रखें। अगर आपने कोई घर खरीदना तय कर लिया है तो सेलर आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ, प्रॉपर्टी का टाइटिल, नक्शा, कंप्लीशन सर्टिफिकेट भी जुटा लें ताकि लोन लेने में दिक्कत ना हो।- किसी के साथ लोन लेने में लाभअगर किसी के साथ होम लोन ले रहे हैं तो आपको लाभ होगा। ऐसे में बैंक सह-आवेदकों की आय को जोड़ कर लोन देने पर विचार करता है। साझा आवेदन से लोन हासिल करने की पात्रता भी बढ़ जाती है। ज्वाइंट होम लोन से सह-आवदेकों को टैक्स कटौती में फायदा मिलता है। अगर साथ में महिला आवेदक हों तो कुछ बैंक होम लोन का इंटरेस्ट रेट आधा प्रतिशथ तक कम कर देते हैं। ईएमआई चुकाने का बोझ भी बंट जाता है.- पहले इस बात की लें जानकारीहोम लोन लेने से पहले यह पता कर लें कि कौन सा बैंक किस दर पर लोन दे रहा है। बैंकों की दरें अलग-अलग होती हैं और इनमें 10-20 बेसिस प्वाइंट का अंतर होता है। लंबी अवधि के लोन में इतना अंतर भी आपकी रकम की बचत हो सकती है। अगर कोई आवेदक नया बना मकान खरीद रहा है और प्री-एप्रूव्ड बैंक से लोन लेता है तो यह जल्दी प्रोसेस होता है, क्योंकि बैंकों के पास इस प्रॉपर्टी के बारे में पहले ही काफी जानकारी होती है। इस तरह की प्रॉपर्टी में आपका बैंक दूसरे बैंकों की तुलना में कम इंटरेस्ट पर लोन दे सकता है।- दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ेंहालांकि होम लोन से जुड़े बैंकों के दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ना अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। दस्तावेजों में छोटे अक्षरों में लिखी बातों को ध्यान से पढ़ने की कोशिश करें। ईएमआई चुकाने से जुड़ी शर्तों और नियमों को ठीक से पढ़कर समझना जरूरी है।