नई दिल्ली। अगर आप भी डिजिटल गोल्ड खरीदते हैं तो ये खबर ध्यान से पढ़ लीजिए। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने शेयर ब्रोकर समेत अपने सदस्यों को 10 सितंबर से अपने मंच पर डिजिटल गोल्ड की बिक्री पर रोक लगा दी है। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की ओर से चिंता जताने के बाद NSE ने यह कदम उठाया है। सेबी ने कहा था कि नियमों के खिलाफ जाकर कुछ सदस्य अपने ग्राहकों को डिजिटल सोना खरीदने और बेचने के लिए प्लेटफार्म दे रहे हैं।
इस संबंध में SEBI ने 3 अगस्त को एक चिट्ठी जारी की थी, जिसमें लिखा था कि इस तरह की गतिविधि सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (रेगुलेशन) रूल्स (SCRR), 1957 के खिलाफ है. इसलिए NSE के सदस्यों को इस तरह की गतिविधि से दूर रहना चाहिए. सेबी की चिंता के बाद एनएसई ने सदस्यों को इस तरह की गतिविधि पर रोक लगाने और हर समय नियम के हिसाब से काम करने का निर्देश दिया है। एससीआरआर नियम इस तरह की किसी भी गतिविधि में शामिल होने से रोकता है। सेबी ने कहा था कि एनएसई का कोई कर्मचारी इन तरह की गतिविधियां नहीं कर सकता है।
NSE ने दस अगस्त को जारी एक सर्कुलर में कहा, ‘मौजूदा समय में इन गतिविधि में शामिल सदस्य, इस सर्कुलर की तारीख से एक महीने के भीतर इस संबंध में सभी गतिविधियों को करना बंद कर दें। इन गतिविधियों को बंद करने के संबंध में आवश्यक सूचनाएं संबंधित ग्राहकों को दे दी जाये।’
प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम 1956 के अनुसार डिजिटल सोना प्रतिभूतियों की परिभाषा के अंतर्गत नहीं आता है। उधर, ट्रेडस्मार्ट के चेयरमैन विजय सिंघानिया ने कहा कि किसी भी विनियमित संस्था की ओर से डिजिटल गोल्ड जारी नहीं की जाती हैं। यह जांचने का कोई तरीका नहीं है कि डिजिटल गोल्ड सर्टिफिकेट के अनुरूप भौतिक रूप में सोना है या नहीं।