नई दिल्ली। देश में तेजी से उभर रहे स्टार्ट-अप के माहौल को देखते हुए पूंजी बाजार नियामक सेबी ने इन्हें शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने को कई नए कदम उठाए हैं। इनमें स्टार्ट-अप को अपने स्तर पर 60 फीसद तक की हिस्सेदारी के शेयर बांटने का अधिकार भी दिया है। इससे पहले कंपनियों के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं था।
अपने निदेशक मंडल के निर्णय से अवगत कराते हुए सेबी ने गुरुवार को स्टार्ट-अप से संबंधित अन्य कई छूट की सूचना दी। सेबी ने बताया कि प्री-इश्यू कैपिटल के 25 फीसद हिस्से को होल्ंिडग श्रेणी में रखने का प्रविधान घटाकर अब एक साल कर दिया गया है। इससे पहले इस मद की होल्ंिडग अवधि दो वर्षो की थी। हालांकि, इसमें प्री-इश्यू की हिस्सेदारी 10 फीसद थी।
एक अन्य बदलाव में एक्रिडिटेड इंवेस्टर का नाम बदलकर इनोवेटर्स ग्रोथ प्लेटफॉर्म किया गया है। ओपन ऑफर का दायरा भी 25 फीसद से बढ़ाकर 49 फीसद कर दिया गया है। एक अन्य महत्वपूर्ण बदलाव में स्टार्ट-अप को उनके लिए तैयार विशेष इनोवेटर्स ग्रोथ प्लेटफॉर्म (आइजीपी) से निकलकर मुख्य बोर्ड में आने की छूट भी दी गई है। स्टार्ट-अप्स फिलहाल आइजीपी पर सूचीबद्ध होती हैं।