राजीव रंजन झा की रिपोर्ट
नई दिल्ली। खाद्य पदार्थों के दाम ऊंचे रहने के कारण खुदरा महंगाई दर जनवरी में 7.59 फीसदी रही। महंगाई दर इससे पहले दिसंबर 2019 में खुदरा महंगाई दर 7.35 फीसदी दर्ज की गई थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर का यह आधिकारिक आंकड़ा बुधवार को जारी किया गया। देश में खुदरा महंगाई दर मई 2014 के बाद के सबसे ऊंचे स्तर पर चली गई है। खाने-पीने का सामान महंगा होने से यह अंतर आया है।
खुदरा महंगाई दर में यदि खाद्य मुद्रास्फीति की बात की जाए तो जनवरी में यह 13.63 फीसदी रही जबकि एक साल पहले जनवरी में इसमें 2.24 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि, यह दिसंबर 2019 के 14.19 फीसदी के मुकाबले कम हुई है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने इस महीने मौद्रिक नीति समीक्षा में ऊंची मुद्रास्फीति का हवाला देते हुए प्रमुख नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया।
नवंबर 2019 में खुदरा महंगाई दर का यह आंकड़ा 5.54 फीसदी था। दिसंबर 2019 में खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर 14.12 फीसदी बढ़ी, जबकि इससे पिछले महीने नवंबर में यह आंकड़ा 10.01 फीसदी का था। महंगाई दर के अगर रिकॉर्ड की बात करें तो जुलाई 2014 में यह आंकड़ा 7.39 फीसदी था।
इस बीच, देश के विनिर्माण क्षेत्र में नरमी रहने के कारण दिसंबर 2019 के दौरान औद्योगिक उत्पादन में 0.3 फीसदी की गिरावट आई है। एक साल पहले इसी महीने देश के औद्योगिक उत्पादन में 2.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी। ये आधिकारिक आंकड़े बुधवार को जारी किए गए।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में दिसंबर 2018 के दौरान 2.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में बीते दिसंबर में 1.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि एक साल पहले इसी महीने में विनिर्माण क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि दर 2.9 फीसदी दर्ज की गई थी।