मोहित गुप्ता की रिपोर्ट
हरदोई जिले में नगर पालिका की सीमा के अंदर व बाहर पता नही कितने तालाब आज भी सिर्फ कागजो में दर्ज है।कागजो में दर्ज तालाबो की जमीनी हकीकत को अगर हम देखे तो उन तालाबो की जमीनों पर हरदोई के भू माफियाओं ने बेचकर आलीशान मकान बनवा डाले है।
आज हम इसी तरह ग्रामसभा हरदोई देहात के राजस्व अभिलेखों में गाटा सँख्या 709 में दर्ज तालाब की बात कर रहे है।
आपको बताते चले कि गाटा सँख्या 709 का कुल रकबा अलग अलग कई लोगो के नाम दर्ज है इसी गाटा सँख्या के रकबे में कई हजार स्क्वायर फिट जमीन तालाब के नाम जल मग्न भूमि में दर्ज थी।
लेकिन भू माफियाओ ने तालाब की जमीन पर प्लाटिंग कर दी गई और वर्तमान समय मे यह छोटा सा तालाब महज कागजो पर ही सीमित होकर रह गया और वर्तमान समय मे इस तालाब की जमीन पर प्लाटिंग हो चुकी है।
शिकायतकर्ता ने तालाब की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए उच्च स्तरीय शिकायत की है।आपके संज्ञान में लाना है कि उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश की समस्त तहसीलों को निर्देश किया था कि तालाब पोखर की जमीन को तत्काल अतिक्रमण कराया जाए लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश पर अमल करने के बजाए हरदोई का राजस्व विभाग गहरी नींद में सोया हुआ है जिस कारण भू माफिया लगातार सरकारी जमीनों पर प्लाटिंग कर रहे है।तालाब की जमीन पर प्लाटिंग करने वाले भूमाफियाओ की नज़र अन्य सरकारी जमीन पर है सरकारी जमीन पर प्लाटिंग करने की रूपरेखा तैयार कर ली गई है।
हरदोई देहात के श्यामू सिंह प्रधान ने अपने लेटरपैड पर शिकायत करने की बात कही है