परवेज़ और टिक्कू आपचे की रिपोर्ट
कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में ‘सामाजिक दूरी’ का ‘हथियार’ सड़क से लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक तक में अपनाया जा रहा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में पहले की तरह बड़ी अंडाकार मेज नहीं थी। प्रधानमंत्री के सरकारी आवास पर हुई इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी एक निश्चित दूरी बनाकर कुर्सियों पर बैठे। उनकी कुर्सियों के बगल में छोटी मेजें थीं, जिन पर दस्तावेज रखे थे। आमतौर पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्रीगण अंडाकर मेज के इर्द-गिर्द कुर्सियों पर बैठे होते हैं।
वहीं, महाराष्ट्र समेत कई जगह जरूरी सामान की दुकानों के बाहर जमीन पर गोले पर रेखाएं बनाई जा रही हैं, ताकि लोग एक-दूसरे से उचित दूरी बनाकर खड़े हों। आवश्यक सामान, फल, सब्जियों की खरीद के लिए घरों से निकल रहे लोगों के लिए यह एक कारगर उपाय साबित हो रहा है।
महाराष्ट्र के पनहाला, अजारा शहरों और कोल्हापुर जिले के पुलाची शिरोली गांव ने मंगलवार शाम से सामाजिक दूरी का यह कदम उठाना शुरू कर दिया है। इससे पहले चीन के एक मॉल के बाहर ऐसा इंतजाम किया गया था। पुलाची शिरोली गांव के रंजीत चौगुले ने बताया कि पहले जब उन्होंने चीन की तस्वीर देखी, तो उन्हें यह अजीब लगा, लेकिन बाद में अहसास हुआ कि यह उपयोगी विचार है। उन्होंने स्थानीय दुकानदारों को यह दिखाया, जिन्होंने इस विचार को अपनाने का फैसला किया। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कायार्लय के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने इस विचार को पूरे राज्य में लागू करना शुरू कर दिया है और सामाजिक दूरी के इस उपाय की तस्वीरें साझा की जा रही हैं। लोग इसका पालन कर रहे हैं।
21 दिन… समय का करें सदुपयोग : देश में 21 दिन के लॉकडाउन के मद्देनजर सरकार सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को घर पर रहने के लिए प्रेरित कर रही है। पीआईबी इंडिया के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया, ‘अगले 21 दिनों का इस्तेमाल सरल नयी आदतें विकसित करके किया जा सकता है, जैसे कि जल्दी जागना, एक नये आहार का आनंद लेना, ध्यान करना, आदि।’ एक अन्य ट्वीट में सुझाव दिया गया, ‘21 दिन की इस अवधि में अच्छी आदतें अपनाने के साथ ही आप इसका उपयोग बुरी आदतों से छुटकारा पाने के लिए भी कर सकते हैं।’