कोरोना और उसके नए-नए स्वरूपों के खिलाफ फाइजर का टीका काफी असरदार है। एक शोध के मुताबिक फिनलैंड के 180 स्वास्थ्यकर्मियों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि फाइजर के टीके की दो खुराक कोरोना और उसके नए स्वरूपों के खिलाफ के बेहतर एंटीबॉडी प्रतिक्रिया देती है।
नेचर कम्युनिकेशन पत्रिका में छपे शोध के मुताबिक, ब्रिटेन में सबसे पहले मिले अल्फा वैरिएंट के खिलाफ टीका लगाने से प्रतिरक्षा प्रणाली उतनी ही मजबूत है जितनी 2019 में चीन के वुहान में मिले कोरोना वायरस के खिलाफ। हालांकि बीटा वैरिएंट के खिलाफ टीका उतना प्रभावी नहीं है जितना कि अल्फा के खिलाफ, लेकिन टीके से एंटीबॉडी पैदा होती हैं जो इस वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। शोध करने वालों में यूनिवर्सिटी ऑफ तुर्कु और यूनिवर्सिटी ऑफ हेलसिंकी के शोधकर्ता शामिल हैं। इन्होंने दिसंबर के दौरान फिनलैंड में लोगों को टीका लगाए जाने के बाद प्रतिरोधक क्षमता प्रतिक्रिया का अध्ययन किया।
इन्होंने फाइजर के टीके की दोनों खुराक लेने वाले 180 स्वास्थ्यकर्मियों पर टीके के असर का आकलन करने के साथ ही कोविड-19 को मात दे चुके लोगों की प्रतिरोधक प्रतिक्रिया से तुलना की। टीका लेने वालों की उम्रम 20-65 साल के बीच थी। इनमें 149 महिलाएं और 31 पुरुष थे। वहीं कोविड-19 को मात देने वाले 19 से 93 साल के 50 लोग शामिल थे, जिनमें 33 महिलाएं और 17 पुरुष थें।
टीके की दोनों खुराक लेने वालों में कोरोना के मूल वायरस के खिलाफ बेहतरीन एंटीबॉडी का स्तर मिला। वहीं अल्फा वैरिएंट के खिलाफ भी इतना कारगर रहा। युनिवर्सिटी ऑफ तुर्कु के प्रोफेसर इक्का जुलकुनेन ने कहा कि वायरस के खिलाफ सबसे कारगर हथियार टीका ही है। ।