हमीरपुर। प्रदेश के हमीरपुर से बड़ी खबर सामने आई है। जहां एक गुटखा व्यापारी के घर 6 करोड़ 31 लाख 11 हजार आठ सौ रुपये बरामद किए गए हैं। इन पैसों को गुटखा व्यापारी ने बेज बॉक्स के अंदर छिपा के रखा था। पैसों को गिनने के लिए स्टेट बैंक के कर्मचारियों को तीन मशीनें और बड़े-बड़े ट्रंक लाने पड़े। करीब 18 घंटे की गिनती के बाद रुपयों को ट्रंकों में भर ले जाया गया । सुमेरपुर कस्बे में थाने के पास रहने वाले गुटखा व्यापारी जगत गुप्ता के यहां सेन्ट्रल गुड्स सर्विस टैक्स की टीम ने छापेमारी की थी। 15 सदस्यीय टीम द्वारा छापेमारी की यह कार्रवाई अप्रैल की सुबह 6 बजे से शुरू हुई थी, जो 13 अप्रैल की शाम तक चलती रही। रात होते-होते बैंक कर्मी रुपयों को रखने वाले बड़े-बड़े तीन ट्रंक भी लेकर पहुंचे थे।
हमीरपुर के तंबाकू कारोबारियों की काली कमाई का सीधा संबंध कानपुर से है। वहीं, तीन महीने पहले पीयूष जैन की तरह ही जगतबाबू और प्रदीप गुप्ता का रहन-सहन बेहद साधारण है। गुप्ता बंधुओं ने भी अपनी काली कमाई का ठिकाना बेडरूम बना रखा था। दोनों भाई 20 करोड़ रुपये से ज्यादा कारोबार के बावजूद जीएसटी में रिटर्न महज 10 से 15 हजार रुपये दिखाते थे। जांच में खुलासा हुआ है कि दोनों भाई 95 फीसदी कारोबार कैश में करते थे। दो से तीन ट्रक माल रोजाना फैक्ट्री से निकलता था, एक दिन में करीब 6 से 8 लाख का कारोबार था। यानी साल में न्यूनतम 20 करोड़ का माल गुप्ता बंधु बेच रहे थे। इतने कम रिटर्न से ही सीजीएसटी अफसरों को शक हुआ। खुफिया जांच कराई गई, तो असली कारोबार का खुलासा हुआ। कैश लेनदेन होने की वजह से बैंकों से ट्रांजेक्शन कम थे।
कानपुर से जुड़े लिंक
गुप्ता बंधुओं के अभी तक चार बैंक खाते मिले हैं। जिसके आधार पर दोनों कारोबारी भाई इनकम टैक्स रिटर्न भी लगभग दस लाख रुपये ही भरते थे। तंबाकू का ब्रांड सीएम के नाम से निकाला जाता था और इसके लिंक कानपुर के बिरहाना रोड व नयागंज से पाए गए। सेल प्रोसीड की जांच में पाया गया है कि करोड़ों की काली कमाई का दायरा बढ़ सकता है।
तंबाकू कारोबार ने बनाया करोड़पति
जगत गुप्ता पहले गल्ला व्यापारी थे लेकिन व्यापार बुरी तरह से फेल हो गया। जिसके बाद दोनों भाइयों ने साझेदारी पर अपने घर में ही गुटखा बनाने का कारखाना लगाया। कुछ सालों में दोनों करोड़पति हो गए। 2001 में चंद्रमोहन ब्रांड का रजिस्ट्रेशन राकेश गुप्ता के नाम पर करा गुटखा का कारोबार शुरू किया। चंद दिनों में ही यह ब्रांड बुंदेलखंड के साथ-साथ कानपुर, फतेहपुर व कानपुर देहात में छा गया। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों कारोबारियों ने इस बात को कबूल किया है कि यह रकम बिना दस्तावेजों के माल बेचकर जमा की गई है। उनके कारखानों से बिना दस्तावेजों के 1520 किलो सुपारी, 6 बोरा तंबाकू, 95 किलो पैकिंग रोल, 13,700 पाउच सुपारी और 38000 पाउच तंबाकू जब्त की गई। इससे लगभग 80 लाख रुपये का अघोषित माल तैयार होना था। कच्चा माल नयागंज से खरीदा जाता और बिक्री कैश में हमीरपुर सहित आसपास की जाती।
दस साल पहले डीएम ने मारा था छापा
2011 में दोनों कारोबारियों के घर तत्कालीन डीएम जी.श्रीनिवास लू ने छापा मारा था और अवैध ढंग से कारोबार करने के साथ टैक्स चोरी आदि में कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री को सील कर दिया था। इस छापेमारी में राकेश गुप्ता के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था जो विचाराधीन है। इसके बाद जगत ने दोनों साझीदारों को व्यवसाय में घाटा दिखाकर अलग कर दिया और 2013 में नौकर के नाम रजिस्ट्रेशन कराकर ब्रांड बदलकर पुन: कारोबार शुरू किया। अब यह ब्रांड भी बाजार में छाया हुआ है।