सुनीता देवी की रिपोर्ट
नई दिल्ली। आज यानि एक मई को कविशाला अपना तीसरा बर्थडे मना रहा है. आज से ठीक तीन साल पहले जब अंकुर मिश्रा ने कविशाला की शुरुआत की थी तब उन्हें भी नहीं पता था कि जो ऑनलाइन प्लेटफार्म वो अपनी कविताओं को संगृहीत करने के लिए बना रहे हैं वो सिर्फ अंकुर के लिए ही नहीं बल्कि अंकुर जैसे कई अन्य नए व छुपे हुए कविओं के लिए एक बेहतर प्लेटफार्म बन कर उभरेगा.
क्या है कविशाला ?
कविशाला को आप चाहे तो कवियों की पाठशाला या कवियों की कार्यशाला या फिर कवियों की प्रयोगशाला भी कह सकते हैं. कविशाला में नए और छुपे हुए कवि अपनी कवितायेँ साझा करते हैं, कविताओं के बारे में सीखते हैं और कविताओं पर प्रयोग भी करते हैं.
कविशाला का सफर
शुरुआत में कविशाला सिर्फ एक ऑनलाइन प्लेटफार्म था जो केवल हिंदी कवियों/कविताओं के लिए बना था लेकिन समय के साथ कविशाला ने डिजिटल प्लेटफार्म के अलावा ऑफ़ लाइन मीट अप की भी शुरुआत की. कविशाला अभी तक भारत के 40 से ज्यादा शहरों में सैकड़ों ऑफलाइन मीटअप और एक्टिविटीज कर चुका है.
अपने तीसरे बर्थडे पर क्या नया लाया है कविशाला
कविशला में समय के साथ कई बदलाव हुए. शुरू से ही कविशाला नए कवियों के लिए काम कर रहा है. नए और छुपे हुए कवियों को पहचान दिलाने और उन्हें बेहतर सुविधाएँ /अनुभव उपलब्ध कराने के लिए कविशाला ने कई नए बदलाव किये है.
तोड़ी भाषा की सीमायें
शुरुआत में कविशाला सिर्फ हिंदी कवियों/कविताओं के लिए था लेकिन अब कविशाला ने भाषा की सीमा को तोड़ते हुए 12 भाषाओँ के कवियों/कविताओं को जगह दे रहा है. अब कविशाला में हिंदी, अंग्रेजी , उर्दू,ओड़िया, बंगाली, गुजराती,पंजाबी, तमिल, तेलुगु, मराठी मलयालम कन्नड़ भाषाओँ के कवि अपनी कविताओं लिख सकतें है.
लाखों रचनाएँ और सैकड़ों रचनाकार
कविशाला भारत का सर्वाधिक लोकप्रिय व पसंदीदा प्लेटफार्म है. 10 लाख से ज्यादा विज़िटर्स हर महीने कविशाला में कवितायेँ लिखते/पढ़ते हैं. कविशाला में आप विभिन्न भाषाओँ की लाखों रचनाएँ पढ़ सकते हैं. कविशाला की सबसे अच्छी बात यह है की आप यहाँ जाने माने रचनाकार जैसे शेक्सपीयर, जय शंकर प्रसाद से लेकर नए और छुपे हुए कवियों की रचना भी पढ़ सकतें हैं. कविशाला में एक यूजर प्रतिदिन औसतन 8 मिनट से ज्यादा समय सक्रीय रहता है.
नया यू आई, नए फीचर्स
यूजर्स के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए कविशाला नया यू आई (यूजर इंटरफ़ेस) लेकर आया है. साथ ही यूजर्स के अनुभव को बेहतरीन बनाने के लिए कविशाला ने यूजर पैनल में कई फीचर्स ऐड किये है जैसे अब यूजर अपनी प्रोफइल में अपनी बायो/प्रोफाइल फोटोज के साथ साथ अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स (फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब इत्यादि) भी ऐड कर सकतें है साथ ही वो अपनी कविताओं को आसानी से अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा भी कर सकतें हैं.
कविशाला लाइव
कविशाला भारत के ऐसा पहला कविताओं का प्लेटफार्म है जो कि कविशाला लाइव के जरिये नए कवियों को सीखने और समझने में सहायता कर रहा है. कविशाला के लाइव सेशन को लोग बहुत ज्यादा पसंद कर रहे हैं. कविशाला लाइव में “कविशाला द्वारा जानेमाने कवियों, एक्टर्स व अन्य कलाकारों के द्वारा कविता पर लाइव चर्चा (ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम) की जाती है. साथ ही नए कवि, कविता सम्बन्धी अपनी शंकाओं/ प्रश्नो के उत्तर भी पूछते हैं.
कविशाला नए कवियों के लिए एक बेहतर विकल्प बन कर उभरा है. कविशाला के द्वारा अब नई प्रतिभाओं को उम्मीद मिली है. अब नए और छुपे हुए कवियों को बिना किसी समस्या के आसानी से अपनी कविता साझा करने की सहूलियत मिल रही है