अभिषेक गुप्ता की रिपोर्ट
फर्रुखाबाद गमों की आंच में आंसू उबाल कर देखो, बनेंगे रंग किसी पर डाल कर देखो, तुम्हारी दिल की चुभन जरूर कम होगी,
किसी के पांव का कांटा निकालकर देखो।
डॉ. शिव कुमार की इन पंक्तियों को फर्रुखाबाद की पुलिस ने आत्मसात कर लिया है। पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा के निर्देशन में फर्रुखाबाद जनपद की पुलिस जो गाँधीगीरी कर रही है, वह लोगों को रास आ रही है। लोगों की नजर मेें पुलिस के प्रति नजरिया बदला है। लोगोंं के सिर पुलिस के सम्मान में झुकने लगे हैं और पुलिस आवाम की मित्र बन रही है।
दरअसल योगी रिटन्र्स में पुलिस की बहुत बड़ी भूमिका है। कानून व्यवस्था इस चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बन गया। अपराधियों पर पुलिस की सख्ती लोगों को पसन्द आई और साथ में पुलिस जो गांधीगीरी कर रही है, वह भी लोगों को खूब भाई। फर्रुखाबाद जनपद की शमसाबाद पुलिस ने भी रविवार को कई गरीबों के आँसू पोंछे। प्रभारी थानाध्यक्ष मनोज कुमार भाटी की टीम ने गरीब असहाय बेसहारा महिलाओं को साडिय़ां व बच्चों को सूट और फल आदि खाद्य सामग्री देकर मदद की।
प्रभारी थानाध्यक्ष शमसाबाद मनोज कुमार भाटी की मौजूदगी में महिला आरक्षी वर्षा रानी तथा निशु गौतम ने नगर के गरीब व असहाय लोगों तथा छोटे छोटे बच्चों व महिलाओं को थाने में बुलाया और सम्मान के साथ सभी को उपहार स्वरूप आवश्यकता की वस्तुएं प्रदान की गई। जिसमें महिलाओं को साड़ी दी, छोटे-छोटे बच्चों को सूट फलों का वितरण किया गया। उधर, थाने मे पुलिस कर्मियों से सम्मान पाने के बाद लोग खुश थे। महिलाएं बोलीं कभी सोचा भी नहीं था शमशाबाद थाना पुलिस उनका सम्मान करेगी। हर किसी के दिलों दिमाग में यही चर्चाएं थीं, लोगो का कहना था अगर शमसाबाद थाना पुलिस की तर्ज पर हर कोई कार्य करें तो वो भी सभी के दिलों में अपना स्थान बना सकती है। लोग खुशी-खुशी पुलिस मित्र बन सकते हैं। बताते चलें कि इस समय खाकी गरीबों को मदद करने पर उतर आयी है। आये दिन किसी न किसी थाने में गरीबों की मदद करते खाकी दिख जायेगी। जिससे लोगों में खुशी है। लोगों का कहना है समाज की रक्षा के साथ-साथ खाकी गरीबों की मदद भी कर रही है। यदि इसी तरह सब हो जाये, तो गरीब काफी सुखी हो जायें।शमसाबाद थाने के प्रभारी अधिकारी मनोज कुमार भाटी कहते हैं, अगर पब्लिक पुलिस का साथ दे, तो अपराधों पर पूरी तरह से ब्रेक लग सकता है। उन्होंने कहा ऐसा नहीं है कि लोगों को अपराधों की जानकारी नहीं होते, घरों के आस-पड़ोस में अपराधी पल रहे होते हैं, लेकिन लोग जानकारी नहीं देते। उनका भय ही अपराध को बढ़ावा देता है। अवैध शराब बनती है, लोगों को जानकारी होती है, बहुत से स्वयं वहाँ जाकर पीते हैं, कोई पुलिस को उसकी सूचना देने की जहमत नहीं करता। नतीजा अखबार में छपा होता है जहरीली शराब पीने से …….की मौत। थानाध्यक्ष ने सवाल किया…कौन जिम्मेदार है इसका…? पुलिस या वह लोग जिन्हें पता था यहाँ अवैध शराब का धंधा चल रहा है और उन्होंने पुलिस को खबर नहीं दी। थानाध्यक्ष ने अपील की छोटे से छोटे अपराध की खबर पुलिस को दें। पुलिस की आँख और कान आवाम हो होती है। विश्वास कीजिए सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा और अपराधी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा हमारे कप्तान साहब और शासन की मंशा है हर व्यक्ति निर्भीकता और सुरक्षा के साथ जीवन यापन करे।
लोगों की आदर्श बनी महिला आरक्षी सीमा बघेल
इस भागमभाग जिन्दगी में कहाँ किसी को किसी की फिकर है। समाजसेवा तो अखबारों में सुर्खियाँ बटोरने के लिए की जाती है। शमसाबाद थाने में तैनात महिला आरक्षी लोगों की आदर्श उस समय बनीं जब उन्होंने एक बुजुर्ग महिला का हाथ पकडक़र उसे सडक़ के इस बार से उस पार तक पहुंंचाया। हमने सडक़ से इस बार से उस पार इसलिए लिखा क्योंकि वृद्ध के लिए सडक़ पार करना समुद्र लाँधने के समान होता है। बहुत कम पुलिस कर्मियों को ऐसा करते देखा जाता है। महिलाएं तो ममता, सम्वेदनशीलता की मूर्ति होती हैं। जब सीमा ऐसा कर रही थीं, तो लोगों के सिर सम्मान से झुक गए।