ज्योतिषाचार्य पंडित पंकज कृष्ण शास्त्री
दशहरा का त्योहार 5 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन प्रभु श्रीराम ने रावण का वध किया था। तब से ये पर्व मनाने की परंपरा है। ये त्योहार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन मनाया जाता है। इसे विजयदशमी भी कहते हैं। दशहरा के दिन रावण दहन की परंपरा है। ज्योतिष शास्त्र में इस दिन उपायों का काफी महत्व है। इस दिन जातक कुछ उपायों को कर आर्थिक संकट, कर्ज, स्वास्थ्य और वैवाहिक परेशानी से छुटकारा पा सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करने से व्यक्ति की सभी इच्छा पूरी हो जाती है। आइए जानते हैं नीलकंठ के दर्शन के महत्व के बारे में।
दशहरा पर नीलकंठ देखना शुभ
मान्यता है कि नीलकंड पक्षी महादेव का प्रतिनिधित्व करता है। पौराणिक कथा के अनुसार जिस समय भगवान राम दशानन का वध करने जा रहे थे। तब उन्हें नीलकंठ पक्षी के दर्शन हुए थे। उसी के बाद उन्हें लंकेश का वध करने में सफलता प्राप्त हुई। कहा जाता है कि नीलकंठ पक्षी के दर्शन ने व्यक्ति का भाग्य चमक उठता है। उसे हर कार्य में सफलता मिलने लगती है। ऐसा कहा जाता है कि रावण के वध के बाद श्रीराम पर ब्राह्मण हत्या का पाप लगा था। तब भगवान राम और लक्ष्मण ने भोलेनाथ की आराधना की और पाप से मुक्ति के लिए आह्वान किया। उस समय शिवजी नीलकंड के रूप में धरती पर थे। इस कारण से नीलकंठ पक्षी के दर्शन को शुभ माना गया है।
नीलकंठ पक्षी दिखने पर करें ये काम
अगर दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी दिख जाएं तो मंत्र (कृत्वा नीराजनं राजा बालवृद्धयं यता बलम्। शोभनम खंजनं पश्येज्जलगोगोष्ठसंनिघौ।। नीलग्रीव शुभग्रीव सर्वकामफलप्रद। पृथ्वियामवतीर्णोसि खच्चरीट नमोस्तुते।।) का जाप करें।
नोट–
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