- जिम्मेदार अधिकारियों की सह पर श्रमिकों को जा रहा लूटा
- नरेगा मजदूर,अन्त्योदय कार्ड धारकों व पंजीकृत श्रमिकों सहित दिहाड़ी मजदूर से हो रही वसूली
संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूूट। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना के मद्देनजर हुए लॉकडाउन से प्रभावित श्रमिकों को राहत देने के लिए बड़ा फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने फैसला किया है कि उचित दर की दुकानों पर बुधवार से राशन बांटा जाएगा। इसमें अंत्योदय कार्डधारकों, नरेगा मजदूरों, श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों व नगर विकास विभाग के दिहाड़ी मजदूरों को नि:शुल्क राशन दिया जाएगा। यदि किसी व्यक्ति, परिवार, समुदाय, कस्बा या कॉलोनी को होम क्वारांटाइन किया गया है तो उस तक होम डिलीवरी के माध्यम से राशन पहुंचाने की सुविधा दी जाएगी।
लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की सह पर कोटेदारों द्वारा सरकारी निर्देशों का खुला उल्लंघन करते हुए ग़रीब मजदूरों को लूटने का काम किया जा रहा है l इन कोटेदारों द्वारा अशिक्षित ग्रामीणों से मनमाने तरीके से पैसे लेकर खाद्यान्न दिया जा रहा है व ज्यादातर मामले ऐसे सामने आए हैं जहाँ पर घटतौली करते हुए गरीब मजदूरों को खाद्यान्न दिया जा रहा है l
ऐसा ही मामला सामने आया है जिला मुख्यालय से सटे कर्वी विकास खण्ड के ग्राम पंचायत कालूपुर पाही व मानिकपुर विकास खण्ड के ग्राम पंचायत लौढ़िया माफ़ी का l
जहाँ जिला मुख्यालय से सटे ग्राम पंचायत कालूपुर पाही की गरीब जनता कोटेदार की मनमानी का शिकार हो रही है l ग्राम पंचायत में कोटेदार की मनमानी सिर चढ़कर बोल रही है l कोटेदार द्वारा गरीब श्रमिकों से मनमाने तरीके से पैसा लिया जा रहा है व खाद्यान्न में कटौती की जा रही है वहीं दूसरी ओर लौढ़िया माफी में कोटेदार द्वारा खाद्यान्न वितरण में गरीब मजदूरों से पैसे लिए जा रहे हैं जब गरीब ग्रामीणों द्वारा कोटेदार से पैसे के विषय में कहा जाता है कि सरकार ने मुफ्त खाद्यान्न देने की बात कही है तो कोटेदार अभद्रतापूर्ण व्यवहार करते हुए बिना खाद्यान्न दिये हुए भगा देता है l
सरकार जहां अप्रैल के दूसरे चरण में 15 अप्रैल से सभी कार्डधारकों को पांच किलो प्रति यूनिट की दर से निशुल्क राशन ( चावल) दिये जाने की बात कह रही है व इस संबंध में जरूरी निर्देश जारी कर दिए गए हैं। कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की बात कह रही है व हर राशन की दुकान पर सेनिटाइजर-साबुन व पानी रखा जाएगा ताकि हाथ धुलने के बाद ही ई-पॉस का इस्तेमाल किये जाने के निर्देश दिये हैं कि राशन की दुकानों पर एकदम से भीड़ जमा न हो और मानक के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहे, इसके लिए हर दुकानदार रोस्टर के हिसाब से राशन वितरण करेगा। राशन वितरण के लिए उचित दर की दुकान के लिए नोडल अधिकारी की नियुक्ति जिलाधिकारी द्वारा की गई है lउचित दर विक्रेता इस नोडल अधिकारी व ग्राम प्रधान की मौजूदगी में ही राशन बांटेगा।लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोटेदार को ही सर्वाधिकार देते हुए खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है l
केन्द्र सरकार ने तीन महीने तक 5 किलो चावल या गेहूं व एक किलो दाल देने का ऐलान किया है। ये राशन पहले से दिए जा रहे राशन के अतिरिक्त दिया जाएगा। वहीं राज्य सरकार ने एक अप्रैल से राशन दिए जाने का ऐलान किया है। अभी तक पांच अप्रैल से राशन दिया जाता था l
सबसे बड़ी सोंचने वाली बात यह है कि क्या जिला प्रशासन कोटेदारों की मनमानी पर रोक लगाने में कामयाब हो पायेगा या फिर ऐसे ही गरीब जनता को लूटने का कारोबार चलता रहेगा l