फ़र्जी खातों में पैसे डालकर करता सरकारी पैसे का बन्दरबांट
संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट। सरकार की जनकल्याणकारी योजना मनरेगा के तहत जहां सरकार गरीब लोगों को रोजगार देने का काम कर रही है वहीं दूसरी ओर ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक की मनमानी के चलते गरीब मजदूरों का शोषण किया जा रहा है। इन गरीबों के मजदूरी भी नहीं दी जा रही हैं व रोजगार सेवक द्वारा फर्जी खातों में पैसा डाल कर सरकारी पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है ।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है रामनगर विकासखंड के ग्राम पंचायत बल्हौरा का।
वहां पर रोजगार सेवक जगतपाल द्वारा मनमानी करते हुए सरकारी पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है। मजदूरों के खातों में फर्जी तरीके से पैसे लगाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।
कई मजदूर ऐसे हैं जिनको उनकी मजदूरी नहीं मिल पा रही है। जब यह मजदूर रोजगार सेवक व ग्राम प्रधान से मजदूरी के लिए कहते हैं वह भी अनदेखा करते हुए नजर आते हैं। वहीं दूसरी ओर रोजगार सेवक द्वारा फर्जी तरीके से खाते में पैसा डाल कर धन निकाला जा रहा है ।
मजदूरी करने वाली एक महिला मजदूर ने बताया कि रोजगार सेवक जगतपाल द्वारा मेरे खाते में दस हजार रुपए डाले गए थे जिसमें सिर्फ मुझे ₹900 दिए गए थे। बाकी पैसे रोजगार सेवक ने ले लिए थे । जब रोजगार सेवक से पूछा गया कि यह पैसा किसका है तो उसके द्वारा बताया गया कि यह पैसे मेरे थे तुम्हारे खाते में डलवा दिए पैसा निकालने पर जब दो हजार निकाला गया तो मुझे सिर्फ दो सौ दिया गया वहीं जब 4 हजार निकाला गया तो मैंने 15 सौ रुपए ले लिए जिसमें रोजगार सेवक भड़क गया था। वहीं दूसरी ओर मजदूर ने बताया कि हमारी कई दिनों की मजदूरी का पैसा पड़ा हुआ है लेकिन ना तो रोजगार सेवक ध्यान दे रहा है न ही ग्राम प्रधान कोई कदम उठा रहा है । बार-बार कहने के बावजूद भी मजदूरी नहीं मिल पा रही है। सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि जहां सरकार मनरेगा योजना के तहत मजदूरों को काम देने का काम कर रही है वहीं दूसरी और रोजगार सेवक व ग्राम प्रधान की मनमानी के चलते सरकारी पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है। आखिर ऐसे ग्राम प्रधान व रोजगार सेवक के ऊपर जिला प्रशासन कब शिकंजा कसने का काम करेगा ।