संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट। सरकार की जनकल्याणकारी योजना मनरेगा के तहत जहां मजदूरों को रोजगार देने का काम किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर बाल मजदूरों का शोषण भी बड़ी मात्रा में किया जा रहा है। नन्हे-मुन्ने नौनिहाल मनरेगा कार्यों में कार्य करते हुए नजर आ रहे हैं ।
कोरोना वायरस को लेकर जहां सरकार ने पूरे देश को लॉकडाउन किया हुआ है व सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि लॉक डाउन का पालन करते हुए कार्य करें वहीं दूसरी ओर लापरवाह ग्राम प्रधान और सचिव की मनमानी के चलते मनरेगा मजदूर बिना मास्क लगाए कार्य करते हुए नजर आ रहे हैं। मामला है कर्वी विकासखंड के ग्राम पंचायत रेहुटिया का ।
ग्राम पंचायत के तालाब में चल रहे कार्य में सोशल डिस्टेंस का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। वहां पर मजदूर भीड़ में एकत्रित होकर कार्य करते हुए देखे जा सकते हैं। स्कूली बच्चे भी मनरेगा में कार्य करते हुए नजर आ रहे हैं ।
मनरेगा योजना में मजदूरों के लिए हर सुविधा उपलब्ध होना चाहिए लेकिन जिम्मेदारों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिए जाने के चलते लोग सुविधाओं से वंचित हैं। कोरोना वायरस को लेकर शासन द्वारा निर्देश दिए गये हैं कि सोशल डिस्टेंस व मुंह पर मास्क लगाकर काम करें, लेकिन यह मनरेगा मजदूर नियमों का उल्लंघन करते हुए नजर आ रहे हैं। जब इस बारे में एक मजदूर से पूछा गया तो उसने बताया कि जब ग्राम प्रधान ने मास्क नहीं दिए तो हम लगाएं क्या ?
पंचायत मित्र मजदूरों पर बार-बार दबाव बनाने का प्रयास कर रहा था। वह मजदूरों को मुंह खोलने के लिए मना कर रहा था। सबसे बड़ी बात यह है कि इस मनरेगा कार्य में प्राथमिक विद्यालय व उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले नौनिहाल भी कार्य करते हुए नजर आए। इस मनरेगा कार्य में बाल अधिकार का जमकर उल्लंघन करते हुए देखा गया। जहां पर नन्हे-मुन्ने नौनिहाल कार्य करते हुए दिखाई दिए।
आखिर ऐसे लापरवाह ग्राम प्रधान और सचिव जिला प्रशासन कब शिकंजा कसने का काम करेगा यह एक बड़ा सवाल है ।