गौरव शुक्ला की रिपोर्ट
मेरापुर(फर्रुखाबाद)-17 दिन पहले की गई वृद्ध की हत्या और किसी ने नहीं, बल्कि उनके कलियुगी बड़े पुत्र ने की थी। आरोपित ने बेलचा से वृद्ध का सिर कूंच दिया था। सोमवार को पुलिस ने हत्यारोपित को गिरफ्तार कर लिया। हत्या में प्रयुक्त बेलचा भी पुलिस ने बरामद कर लिया। न्यायालय के आदेश पर उसे जेल भेज दिया गया। पूछने पर बेटा बोला पिता की हत्या का मूड बन गया था इसलिए लगा दिया ठिकाने।
आरोपी कैलाश शाक्य से जब अपने पिता की हत्या के संबंध में पूछताछ की गई तो उसने कहा कि मेरा मूड अपने पिता के हत्या का बन गया था इसलिए पिता को मार डाला। मालूम हो कि वृद्ध छविनाथ शाक्य की हत्या 14-15 अप्रैल की रात हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद 15 अप्रैल की सुबह ऑस्कर को भी घटना स्थल पर खोजबीन हेतु बुलाया गया। जो घटना स्थल गमादेवी मन्दिर से सीधा आरोपी कैलाश शाक्य के घर पहुंचा था। यहां से पुलिस की शक परिजनों की ओर थी।
पुलिस लगातार परिजनों से बातचीत करने में जुटी हुई थी। आखिरकार पुलिस ने सोमवार सुबह 8 बजे आरोपी कैलाश शाक्य को गिरफ्तार कर चालान कर लिया। जानकारी के अनुसार मृतक छविनाथ शाक्य ने दो शादियां की थीं। पहली पत्नी विद्यादेवी की पूर्व में मौत हो चुकी है। विद्या देवी से दो पुत्र पैदा हुए बड़ा कैलाश शाक्य एवं छोटा जय सिंह शाक्य तथा दूसरी पत्नी कृष्णा देवी से तीन पुत्र लालमन, पवन, नीलेश पैदा हुए। पहली पत्नी विद्या देवी से पैदा हुए दोनों पुत्रों कैलाश व जय सिंह के कोई पुत्र नहीं है। तो मृतक छविनाथ अपनी पहली पत्नी विद्या देवी के दोनों पुत्रों को समझाते रहते थे कि मेरे नाम की जमीन तुम दोनों भाई किसी को बेचना मत । मेरी मौजूद पत्नी कृष्णा देवी के पुत्रों को ही दे देना। इसी बात की खुन्नस से पहली पत्नी के पुत्र कैलाश शाक्य ने मृतक के सिर में बेलचा घोंप कर छविनाथ शाक्य की तब हत्या कर दी जब वो गांव के पास ही बने गमादेवी मन्दिर पर अपनी मक्का की फसल की रखवाली कर रहे थे। उनकी गांव में किसी से भी रंजिश नहीं थी। पुलिस हत्या के बाद से ही परिजनों व्दारा हत्या किये जाने की शक कर रही थी। पर कोई ऐसा साक्ष्य नहीं मिल पा रहा था।