रिपोर्ट-संजय सिंह राणा
चित्रकूट– मानिकपुर विकास खण्ड के ग्राम पंचायत अगरहुडा में मनरेगा योजना से कराये गए इंटरलॉकिंग खड़ंजा निर्माण व नाली निर्माण में घोर धांधली की गई थी lमनरेगा योजना से कराये गए इंटरलॉकिंग खड़ंजा निर्माण व नाली निर्माण के लिए आये धन को बिना कार्य कराए ही निकाल लिया गया था जबकि जमीन पर एक भी कार्य नहीं कराए गए थे ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर लाखों रुपए की हेराफेरी की गई थी इस मामले में तकनीकी सहायक से लेकर खण्ड विकास अधिकारी तक संलिप्त थे l
खण्ड विकास अधिकारी दिनेश कुमार अग्रवाल, लेखाकर रमेश कुशवाहा, एपीओ भुआल सिंह, तकनीकी सहायक पवन सिंह, ग्राम प्रधान उमा सिंह व सचिव धरम पाल यादव की मिलीभगत से सरकारी पैसे का बंदरबाट हुआ था l
तकनीकी सहायक पवन सिंह द्वारा फ़र्जी तरीके से एमबी की गई थी व बिना कार्य हुए ही फ़र्जी एमबी करके फ़र्जी भुगतान कराया गया था।
वहीं कांट्रेक्टर द्वारा फ़र्जी बिल बनाकर सामग्री सप्लाई दिखाई गई थी जबकि मौके पर कोई मैटेरियल ही नही था l यह सभी निर्माण कार्य कमीशन खोरी की भेंट चढ़ गए थे l
शिकायत कर्ताओं द्वारा शिकायत करने व खबर प्रकाशित होने के बाद जिला प्रशासन के निर्देशानुसार जाँच कमेटी गठित कर जाँच कराई गई थी । जाँच के दौरान मौके पर निर्माण कार्य नहीं पाए गए थे l
ग्राम प्रधान व सचिव सहित जिम्मेदार अधिकारियों जाँच कमेटी पर सवालिया निशान खड़े कर जाँच को दबाने का प्रयास किया गया था जिसको लेकर दोबारा जाँच कमेटी बनाई गई व जाँच के लिये गयी टीम द्वारा निर्माण कार्यों में हुई धांधली के अहम सबूत जुटाए जा रहे हैं lसबसे ज़्यादा सोचनीय बात यह है कि फ़र्जी एमबी करने वाले तकनीकी सहायक पवन सिंह व मैटेरियल सप्लायर पर कब कार्यवाही होगी l जिला प्रशासन कब दोषियों पर शिकंजा कसने में कामयाब हो पायेगा।
मनरेगा योजना के तहत जहाँ सरकार गरीब मजदूरों को गाँव में ही रोजगार देने का काम कर रही है वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार अधिकारियों व ग्राम प्रधानो व सचिवों की मनमानी के चलते मजदूरों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है व बिना कार्य हुए ही फ़र्जी तरीके से मस्टर रोल भरकर फ़र्जी तरीके से पैसा निकाला जा रहा है
आखिर ऐसे में कैसे मिल पायेगा मजदूरों को काम व कैसे हो पायेगा इन गरीब मजदूरों के परिवार का भरणपोषण…?