बिना ऑक्सीजन के भेजी गई 108 एम्बुलेंस में सांस न ले पाने के कारण डॉक्टरों ने बिना देखे किया मृत घोषित
रिपोर्ट-संजय सिंह राणा
चित्रकूट-मानिकपुर निवासी व्यापारी अरुण कुमार उर्फ बिहारी की बड़ी बेटी की इलाज के अभाव में हुई मौत , सीएचसी मानिकपुर से हुई थी मरीज रिफर ,परिवारजनों में फोन पर ऑक्सीजन की आवश्यकता बताई थी लेकिन एम्बुलेंस में नही थी ऑक्सीजन। जिला अस्पताल में पहुँचते ही मरीज की हुई मौत,डेढ़ घण्टे से परिवार बेटी की लाश लेकर अस्पताल में 4 घंटे बैठे रहे बावजूद इसके कोई भी डाक्टर लड़की का हाल लेने नही आया और उसकी मौत हो गयी।
दरअसल मामला कल सुबह का चित्रकूट के मानिकपुर ब्लाक का है जहां अपनी 23 साल की लड़की पूजा जिसकी तबियत अचानक खराब हो गयी थी उसको लेकर पूजा की मा और पिता मानिकपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाते है लेकिन वहां इलाज न मिलने के कारण मानिकपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से कहा जाता है कि आप 108 पर फोन लगाओ और आप यह बोलना की हमारे लड़की की तबियत खराब है और आप हमें ऑक्सीजन के सिलेंडर वाली गाड़ी भेज दो ठीक पूजा के पिता ने वही ऑक्सीजन वाली 108 गाड़ी बुलाई और अपनी बीमार बेटी को लेकर चल दिये। कुछ दूर चलने के बाद पूजा के पिता ने कहा कि भैया ऑक्सीजन चालू कर दो लेकिन मामला यहां हुवा कि 108 की जीवन देने वाली और प्रदेश की रीढ़ कही जाने वाली एम्बुलेंस खुद ही बीमार निकली और ऑक्सीजन सिलेंडर महज़ म्यूजियम में आकर्षक का केंद्र बना रहा और जिला अस्पताल ले जाते समय पूजा ने रास्ते मे ही दम तोड़ दिया।
जिला अस्पताल पहुंचने के बाद एम्बुलेंस के चालक और परिचालक दोनों ही अपनी एम्बुलेंस जिला अस्पताल में छोड़कर भाग निकले और मृतका की माँ बहन और पिता जिला अस्पताल के ग्राउंड पर ही चार घण्टे बिना इलाज के अभाव में पूरे अस्पताल के चक्कर काटते रहे न इलाज मिला न डाक्टर लापरवाही इतनी बड़ी की रूह कांप जाए।
वही मामले को गर्माता देख जिले के अपर एसपी, एडीएम गणेश प्रसाद , और सीएमओ विनोद यादव मौके पर जाकर परिजनों को शांत करवाया और एडीएम गणेश प्रसाद ने लापरवाही बरतने वाले लोगो पर कार्यवाही करने मि बात कही और इस मामले में जांच के आदेश दिए,उन्होंने कहा- दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी। गौरतलब हो कि पूजा उम्र 23 साल जो वाराणसी में एक प्राइवेट अस्पताल में नर्स का काम करती थी कुछ दिनों पहले उसकी तबियत खराब हो गयी थी जिसे परिजनों ने वाराणसी जाकर पूजा को घर ले आये थे लेकिन आज तबियत खराब होने पर मरीज को सीएचसी मानिकपुर से जिला अस्पताल के लिए किया गया था रिफर। मरीज को सांस लेने हो रही थी दिक्कत, एम्बुलेंस को फोन करके परिवार ने ऑक्सीजन की बात कही थी लेकिन बावजूद इसके सरकारी एम्बुलेंस में नही थी ऑक्सीजन की उचित व्यवस्था । अस्पताल पहुँचते ही हुई थी मरीज की मौत जिसके बाद जिला अस्पताल में घण्टो तक नही किया गया था परिवार और मरीज को डॉक्टरों द्वारा अटेंड। फिलहाल अगर स्वास्थ्य व्यवस्था की संवेदनशीलता की दृष्टि से देखें तो लापरवाही का एक बड़ा मामला। देखना होगा कि इस मामले में क्या कार्यवाही होती है?
खटारा एम्बुलेंसों में ऑक्सीजन सिलेंडर क्यों नही रहती कुछ दिनों पहले ही जिला अस्पतला के लेवर रूम में एक बेड पर दो महिलाओं और नवजात बच्चो को रखने का मामला सामने आया था यह कोई नही बात नही है हर दिन जिला अस्पताल में लोगो को स्वास्थ्य ब्यवस्था की इस लचर ब्यवस्था के कारण दो चार होना पड़ता है लेकिन CMS आरके गुप्ता की लापरवाही के चलते लोगो को इधर से उधर भटकना पड़ता है।