ललितपुर में एक 13 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप और फिर शिकायत लेकर जाने पर थानेदार द्वारा बलात्कार की घटना दिखाती है कि “बुलडोजर” के शोर में कानून व्यवस्था के असल सुधारों को कैसे दबाया जा रहा है। अगर महिलाओं के लिए थाने ही सुरक्षित नहीं होंगे तो वो शिकायत लेकर जाएंगी कहां?
…क्या उप्र सरकार ने थानों में महिलाओं की तैनाती बढ़ाने, थानों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने के लिए गंभीरता से सोचा है? कांग्रेस पार्टी ने अपने महिला घोषणा पत्र में महिला सुरक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण बिंदु रखे थे। आज ललितपुर है, ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए महिला सुरक्षा और महिला हितैषी कानून व्यवस्था के लिए गंभीर कदम उठाने ही होंगे।