अन्ना गौवंशो के संरक्षण व गौशालाओं के नाम पर दौड़ाये जा रहे कागजी घोड़े
रिपोर्ट-संजय सिंह राणा
चित्रकूट – अन्ना प्रथा रोकने के लिए जहां सरकार द्वारा करोड़ों रुपए की धनराशि स्वीकृत कर गौशालाये बनवाई जा रही हैं वहीं दूसरी ओर अन्ना प्रथा रुकने का नाम नहीं ले रही है l
गौवंशो के संरक्षण के लिए जिलाधिकारी शेषमणि पाण्डेय द्वारा बार बार मीटिंग करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं लेकिन अधिकारियों की मनमानी के चलते अन्ना गौवंशो पर लगाम नहीं लग पा रही है l
जिलाधिकारी द्वारा दिये गए निर्देशों को पूरा करने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों व प्रधान सचिवों द्वारा कोरम पूरा करने के लिए रात्रि में फोटोज भेजी जा रही है लेकिन गौशालाओं में गौवंश नही भेजे जा रहे हैं l
राष्ट्रीय राजमार्ग व अन्य जिला मार्ग में अन्ना गौवंश डेरा जमाए हुए देखने को मिल रहे हैं जिसके कारण राहगीरों का निकलना मुश्किल हो रहा है l जिम्मेदार अधिकारियों की मनमानी के चलते अन्ना प्रथा पर लगाम नहीं लग पा रही है l
एक तरफ जहां अन्ना प्रथा को रोकने के लिए सरकार द्वारा जगह-जगह गौशालाये बनाए जाने के निर्देश पारित किए गए हैं वहीं दूसरी ओर यह गौशालाये सिर्फ कागजों में नजर आ रही हैं और अन्ना गौवंश सड़कों पर खुलेआम घूमते नजर आ रहे हैं l
जिला मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधानों व सचिवों की मनमानी देखते ही बनती है जहाँ पर अन्ना गौवंशों के नाम पर सिर्फ कागजी कोरम पूरा करके गौवंशों का संरक्षण दिखाया जा रहा है l
जिला मुख्यालय के सटे गांव कसहाई के मुख्य मार्ग पर(जिला कारागार वाली मुख्य सड़क)पर अन्ना गौवंश सड़क पर डेरा जमाए रहते हैं जिन्हें देखने वाला कोई नहीं है जबकि जिला कारागार का मुख्य मार्ग होने के चलते इस सड़क से प्रतिदिन कैदियों को लाया व भेजा जाता है जिसमें गौवंशो के सड़क पर रहने के चलते आवागमन में बड़ी मुश्किलो का सामना करना पड़ता है l
जिला कारागार के रास्ते में अन्ना गौवंशो के चलते कभी भी खतरनाक कैदी भागने में सफल हो सकते हैं l वहीं ग्राम पंचायत कालूपुर पाही व खोह में ग्राम प्रधान व सचिव की मनमानी खूब देखने को मिल रही है जहाँ पर आयेदिन यह बेजुबान गौवंश दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं l
वहीं मानिकपुर विकास खंड के ग्राम पंचायत बघौड़ा, कोठिलिहाई,ब्यूर,भौंरी, बगरेही व रैपुरा मेंअन्ना गौवंश राष्ट्रीय राजमार्ग पर डेरा जमाए हुए नजर आते हैं lइस मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग से जिले के आला अधिकारियों का कारवां प्रतिदिन गुजरता है l
उप जिलाधिकारी मऊ व उप जिलाधिकारी मानिकपुर का प्रतिदिन इसी सड़क से तहसील मुख्यालय के लिए आना जाना होता है लेकिन उनके द्वारा भी कोई ध्यान नहीं दिया जाता है l
राष्ट्रीय राजमार्ग पर डेरा जमाए इन गौवंशों को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे प्रशासन को इनकी कोई फिक्र ही नहीं है l
केंद्र सरकार व राज्य सरकार के सख्त निर्देशों के बावजूद भी इन बेजुबान गौवंशों की दुर्गति देखते ही बनती है राष्ट्रीय राजमार्गों व अन्य जिला मार्गों में डेरा जमाए इन गौवंशों के साथ बड़े बड़े हादसे देखने को मिल रहे हैं जिसके कारण यह बेजुबान गौवंश तड़प तड़प कर जान देते हुए नजर आ रहे हैं l
वहीं राहगीरों के लिए यह अन्ना गौवंश बड़ी मुसीबत बनकर सामने खड़े रहते हैं जिसमें थोड़ा भी चूक जाने पर एक बड़ी अनहोनी सामने आ जाती है l
अन्ना गौवंशो के लिए जहां गौशालाये खोली जा रही हैं व पेयजल व पानी की समुचित व्यवस्था की जा रही है l
लेकिन लापरवाह अधिकारियों की मनमानी के चलते इन गौवंशो को सारी सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है l
सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि सरकार द्वारा बड़ी धनराशि देने के बावजूद भी इन अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं दिखाई दे रही है l आखिर जिला प्रशासन द्वारा इन लापरवाह अधिकारियों के ऊपर क्या कार्रवाई की जाएगी l
क्या इन बेजुबान गौवंशो के रहने के लिए बसेरा व खाने-पीने के लिए चारे पानी की समुचित व्यवस्था हो पाएगी या नहीं यह एक बड़ा विषय है l